Fact Check: यह वाटर ब्रिज वाराणसी का नहीं बेल्जियम का है


नईदिल्ली(विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर आजकल एक फोटो वायरल हो रहा है जिसमें एक वाटर ब्रिज को देखा जा सकता है। फोटो के डिस्क्रिप्शन के हिसाब से यह ब्रिज वाराणसी में बनाया गया है। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह यह ब्रिज असल में बेल्जियम में है।

क्लेम

वायरल फोटो में एक वाटर ब्रिज देखा जा सकता है जिसमें एक समुद्री जहाज चल रहा है। इस फोटो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा है, “विकास इसे कहते है वाराणसी, दीनदयाल उपाध्याय वाटर ब्रिज। जो सबूत मांगेगा वो देशद्रोही होगा ! जय मोदी !”

Fact Check

पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले इस फोटो का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। पहले ही पेज पर हमें कई लिंक मिले जिनमें कहा गया था कि यह वाटर ब्रिज बेल्जियम का है।

पड़ताल करने पर हमने पाया कि यह बेल्जियम का सार्ट कनाल ब्रिज है, जो Canal du Centre के नाम से मशहूर है। यह कनाल कृत्रिम झील ग्रैंड लार्ज को ब्रसेल्स-चारलेरोई नहर के साथ जोड़ता है।



इस वायरल मैसेज में इस ब्रिज को वाराणसी का ‘दीनदयाल उपाध्याय वाटर ब्रिज’ बताया गया है, इसलिए हमने पुष्टि के लिए अपने वाराणसी के रिपोर्टर से बात की जिन्होंने हमें बताया कि वाराणसी में ऐसा कोई वाटर ब्रिज नहीं बना है।

इस फोटो को ‎Raja Khan‎ नाम के फेसबुक यूजर ने ‘मोदी है तो मुमकिन है’ नाम के एक फेसबुक पेज पर शेयर किया है। राजा खान उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और इनके 3000 से अधिक फेसबुक फॉलोवर्स हैं।



निष्कर्ष: अपनी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर का डिस्क्रिप्शन गलत है।असल में यह वाटर ब्रिज वाराणसी का नहीं, बेल्जियम का है।

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