Fact Check: कलमा पढ़ रहे इन लोगों का वीडियो फीफा वर्ल्ड कप 2022 का नहीं है

कलमा पढ़ते नज़र आ रहे लोगों के इस वीडियो की पड़ताल में विश्वास न्यूज़ ने पाया कि यह साल 2018 का वीडियो है। इस पुराने वीडियो को फीफा वर्ल्ड कप से जोड़ते हुए भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर फीफा वर्ल्ड कप 2022 से जुड़ी कई पोस्ट भ्रामक और फर्जी दावों के साथ वायरल हो रहीं हैं। इसी कड़ी में एक वीडियो अलग- अलग प्लेटफॉर्म्स पर यूजर के जरिये शेयर किया जा रहा है जिसमें कुछ लोग कलमा पढ़ते हुए देखे जा सकते हैं। वीडियो के आखिर में इन लोगों को एक-दूसरे से हाथ मिलते हुए भी देखा जा सकता है। अब इस वीडियो को यह कहते हुए वायरल किया जा रहा है कि फीफा वर्ल्ड कप 2022 में इन लोगों ने इस्लाम क़ुबूल कर लिया।

विश्वास न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल में पाया कि यह साल 2018 का वीडियो है। अब इस पुराने वीडियो को फीफा वर्ल्ड कप से जोड़ते हुए भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ‘A Rahman’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘क़तर में फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप भी होता रहेगा और दीन ए हक़ की दावत भी.. और लोग इसी तरह इस्लाम कुबूल करेंगे इंशाअल्लाह AllahuAkbar.”

फीफा वर्ल्ड कप के भ्रामक दावे के साथ इस वीडियो को फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर भी वायरल किया जा रहा है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

फीफा 2022 का उद्घाटन समारोह 20 नवंबर 2022 को क़तर के अल खोर शहर के अल बायत स्टेडियम में हुआ, इससे जुडी खबर यहाँ पढ़ी जा सकती है।

वायरल वीडियो से जुड़ी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने पहले वीडियो को इनविड टूल पर अपलोड किया और कई कीफ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल लेंस के जरिये खोजना शुरू किया। सर्च में हमें यही वायरल वीडियो 14 मार्च 2018 को एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला। यहां वीडियो के साथ दी गई जानकारी के अनुसार, ‘फिलीपींस से 60 युवाओं के एक समूह ने इस्लाम कुबूल किया।’

यही वीडियो हमें एक और यूट्यूब चैनल पर 12 मार्च 2018 को अपलोड हुआ मिला। यहाँ वीडियो के साथ दिए गए डिस्क्रिप्शन में बताया गया, ‘कतर में फिलीपींस के 60 नागरिकों ने इस्लाम कुबूल कर लिया।’

विश्वास न्यूज़ ने वीडियो से जुड़ी पुष्टि के लिए न्यूज़18 के सीनियर स्पोर्ट्स एडिटर विनीत रामकृष्णन से संपर्क किया और वायरल वीडियो उनके साथ साझा किया। उन्होंने भी हमें पुष्टि करते हुए बताया कि यह वीडियो फीफा वर्ल्ड कप 2022 का नहीं है।

विश्वास न्यूज़ का यह फैक्ट चेक फीफा 2022 के दौरान किसी भी धर्मांतरण गतिविधि की पुष्टि या खंडन नहीं करता है और ना ही इस बात की पुष्टि करता है कि यह वीडियो कब का और किस जगह का है। हालांकि, यह साफ़ है कि वायरल वीडियो क़तर 2022 के वर्ल्ड कप का नहीं है, इसलिए वायरल पोस्ट भ्रामक है।

भ्रामक पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर मुंबई का रहने वाला है और इसके 5 हज़ार फेसबुक फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: कलमा पढ़ते नज़र आ रहे लोगों के इस वीडियो की पड़ताल में विश्वास न्यूज़ ने पाया कि यह साल 2018 का वीडियो है। इस पुराने वीडियो को फीफा वर्ल्ड कप से जोड़ते हुए भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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