Fact Check : AI टूल की मदद से बनाई गई डॉक्‍टर भीमराव अंबेडकर की वायरल तस्‍वीर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि घरों और पेड़-पौधों के बीच बी आर अंबेडकर के चेहरे वाली यह तस्वीर असली नहीं है। यह तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग कर बनाई गई है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफार्म पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें कुछ घरों और पेड़-पौधों के बीच डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का चेहरे दिखाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इसे असली समझकर शेयर कर रहे हैं। 

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की जांच की। पड़ताल में पाया कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की तस्वीर असली नहीं है। यह तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग कर बनाई गई है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर शांतनु कुमार पासवान ने वायरल तस्वीर को 4 फरवरी को शेयर करते हुए साथ में लिखा “Today,s Best photo।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर को ठीक से देखा। तस्वीर कुछ ज्यादा ही साफ़ थी। हमने इसे रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें इसी तरह की बहुत-से लोगों की तस्वीरें मिलीं। हमें ऐसी ही एक तस्वीर डेटा साइंस और एआई कंटेंट पर काम करने वाली वेबसाइट हगिंग फेस के एक ट्यूटोरियल पेज पर भी मिली। यहां  बताया गया था कि कैसे प्रॉम्प्ट  देकर किसी भी इंसान की तस्वीर को इल्यूजन  में बदला जा सकता है। यहां  इस्तेमाल तस्वीरों  में भी वायरल तस्वीर की तरह के घर देखे जा सकते हैं।

इसके बाद हमने वायरल तस्वीर को एआई टूल की मदद से बनी तस्वीरों को चेक करने वाले टूल हाइव मॉडरेशन की मदद से चेक किया। इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 99.9% निकली।

तस्वीरों को चेक करने वाले एक दूसरे टूल  एआई और नॉट पर भी इस तस्वीर को एआई से बना बताया गया।

हमने इस विषय में एआई विशेषज्ञ डॉ. अज़हर माकवे से बात की।  उन्होंने भी बताया कि यह एआई से बनी  तस्वीर है और एक सिंपल से प्रॉम्प्ट  से ऐसी तस्वीरें बनाई जा सकती हैं।

अंत में हमने तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर शांतनु कुमार पासवान के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर बिहार का रहने वाला है और उसे 8000 से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

एआई से जुड़ी अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ी जा सकती है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि घरों और पेड़-पौधों के बीच बी आर अंबेडकर के चेहरे वाली यह तस्वीर असली नहीं है। यह तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग कर बनाई गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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