Fact Check : 2016 की इस वायरल तस्वीर का नहीं है दिल्ली से कोई संबंध

पानी में चाय पीने वाली यह तस्‍वीर पंजाब के मनसा की पुरानी तस्‍वीर है। इसका दिल्ली से कोई संबंध नहीं है। यह एक बार पहले भी दूसरे शहरों के नाम पर वायरल हो चुकी है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। दिल्‍ली समेत देश के कई दूसरे राज्‍यों में बाढ़ के हालात देखने को मिले हैं। यमुना में आई बाढ़ से हजारों लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ा है। अब एक तस्‍वीर को दिल्‍ली की बताकर शेयर किया जा रहा है। इस तस्‍वीर में एक परिवार के कुछ लोगों को घुटने तक पानी में बैठकर आराम से चाय पीते हुए देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे दिल्‍ली की बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्‍वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला है। पानी में चाय पीने वाली यह तस्‍वीर पंजाब के मनसा की पुरानी तस्‍वीर है। इसका दिल्ली से कोई संबंध नहीं है। यह एक बार पहले भी दूसरे शहरों के नाम पर वायरल हो चुकी है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज डीके परमार ने 19 जुलाई को एक तस्‍वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘लंदन की #टेम्स नदी में बैठकर चाय की चुस्कियों का आनंद लेते दिल्ली वासी कहो दिल से बॉस डी#वाल फिर से.’ इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की तह में जाने के लिए गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल का इस्‍तेमाल किया। इस पर सर्च करने पर हमें इससे मिलते-जुलते ढेरों परिणाम इंटरनेट पर मिले। हमें पंजाब के वर्तमान मंत्री गुरमीत सिंह के ट्विटर हैंडल पर यह तस्‍वीर पुरानी तारीख पर अपलोड मिली। 18 जुलाई 2016 को इस वायरल तस्‍वीर को ट्वीट करते हुए इसे अकाली दल के खिलाफ इस्‍तेमाल करते हुए पंजाब के मनसा की बताया गया। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए पंजाबी जागरण, मानसा के पत्रकार हरिकृष्ण शर्मा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्‍वीर को शेयर किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह तस्‍वीर पहले भी वायरल हो चुकी है। मनसा की यह तस्‍वीर 2016 की है।

विश्‍वास न्‍यूज ने तस्‍वीर में लाल रंग की टीशर्ट वाले शख्‍स मनीष सचदेवा से भी बात की। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह तस्‍वीर उनके परिवार की है। 2016 में उनकी गली में पानी भर गया था। विरोध के रूप में यह तस्‍वीर खींची गई थी।

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी इस तस्‍वीर की जांच कर चुका है। उस पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर डीके परमार की प्रोफाइल को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस अकाउंट के 24 हजार फॉलोअर्स थे। यूजर नोएडा का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। पंजाब के मनसा की 2016 की तस्‍वीर को कुछ यूजर्स दिल्‍ली की बताकर भ्रम फैला रहे हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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