विश्वास न्यूज की पड़ताल में ग्रेटा की यह तस्वीर मॉर्फ्ड निकली है। ग्रेटा की ओरिजनल तस्वीर में फोटो एडिटिंग टूल की मदद से बच्चों की तस्वीर को जोड़ा गया है। स्वीडिश एक्टिविस्ट ग्रेटा को लेकर किया जा रहा यह दावा झूठा है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में ग्रेटा कुछ खाती दिख रही हैं। इसी तस्वीर में खिड़की से कुछ बच्चे ग्रेटा और उनके खाने को निहारते दिख रहे हैं। तस्वीर के माध्यम से ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि गरीब बच्चों की परवाह के बिना ग्रेटा केवल अपने खाने पर ध्यान दे रही हैं।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में ग्रेटा की यह तस्वीर मॉर्फ्ड निकली है। ग्रेटा की ओरिजनल तस्वीर में फोटो एडिटिंग टूल की मदद से दूसरी तस्वीर को जोड़ा गया है। स्वीडिश एक्टिविस्ट ग्रेटा को लेकर किया जा रहा यह दावा झूठा है।
विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये फैक्ट चेक के लिए ये तस्वीर मिली है। ये तस्वीर सोशल मीडिया के अन्य दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर की जा रही है। Umesh Singh Tomar नाम के ट्विटर यूजर ने 16 फरवरी 2021 को इस वायरल तस्वीर को शेयर करते अंग्रेजी में लिखा है, ‘शुक्रिया सुधीर चौधरी जी इन्हें एक्सपोज करने के लिए।’
इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
ग्रेटा थनबर्ग पिछले दिनों भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर टिप्पणियों को लेकर चर्चा में आई थीं। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर उनसे जुड़े तमाम दावे शेयर किए जा रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले वायरल तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इंटरनेट पर इस तस्वीर से जुड़े ढेरों परिणाम मिले। हमें metro.co.uk वेबसाइट पर 27 सितंबर 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसनारो के बेटे ने एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की फर्जी फोटो शेयर की थी, जिसपर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा। इस रिपोर्ट में ग्रेटा की इस वायरल तस्वीर को फर्जी बता उनकी असल तस्वीर भी दी गई है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
हमें ladbible.com पर भी 27 सितंबर 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह वायरल तस्वीर मिली। इस रिपोर्ट में भी बताया गया है कि ब्राजील के राष्ट्रपति के बेटे ने ग्रेटा की फेक फोटो शेयर की।
ग्रेटा थनबर्ग की वायरल तस्वीर को ट्वीट करने वाले ट्विटर यूजर उमेश सिंह तोमर को अपने ट्वीट पर काफी प्रतिक्रियाएं मिली हैं। मनीष अग्रवाल नाम के एक ट्विटर यूजर ने 22 फरवरी 2021 को वायरल ट्वीट के रिप्लाई में ग्रेटा थनबर्ग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट लगाया है। ग्रेटा ने 22 जनवरी 2019 को किए गए इस ट्वीट में ट्रेन में अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, ‘लंच इन डेनमार्क।’ साफ देखा जा सकता है कि इस तस्वीर में ट्रेन की विंडो से बाहर के नजारे दिख रहे हैं न कि गरीब बच्चे।
विश्वास न्यूज ने ग्रेटा थनबर्ग की वायरल तस्वीर में से सिर्फ बच्चों वाले हिस्से को क्रॉप कर उसे गूगल इमेज सर्च में तलाशा। हमें बच्चों की यह तस्वीर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स पर 30 अगस्त 2007 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। ये रिपोर्ट सेंट्रल अफ्रीका के गांवों के हालात पर है। इस रिपोर्ट में बच्चों की उस तस्वीर को यहां नीचे देखा जा सकता है, जिसे ग्रेटा की असल तस्वीर में एडिट कर लगाया गया है।
विश्वास न्यूज ने ग्रेटा की असल तस्वीर और इस एडिटेड तस्वीर को रॉयटर्स के साथ मेल पर साझा किया। रॉयटर्स ऑनलाइन सपोर्ट टीम की तरफ से ब्रायन मॉस ने हमारे मेल का जवाब देते हुए लिखा कि रॉयटर्स पुष्टि करता है कि यह तस्वीर असल में 2007 में रॉयटर्स के एक आर्टिकल में इस्तेमाल की गई है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर को ट्वीट करने वाले यूजर Umesh Singh Tomar की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल अगस्त 2020 में बनाई गई है और यूजर एक खास विचारधारा से प्रेरित नजर आ रहे हैं। फैक्ट चेक किए जाने तक इस ट्विटर प्रोफाइल के 1812 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में ग्रेटा की यह तस्वीर मॉर्फ्ड निकली है। ग्रेटा की ओरिजनल तस्वीर में फोटो एडिटिंग टूल की मदद से बच्चों की तस्वीर को जोड़ा गया है। स्वीडिश एक्टिविस्ट ग्रेटा को लेकर किया जा रहा यह दावा झूठा है।
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