Fact Check: महिलाओं की नीलामी का दावा करता यह वीडियो 2014 में लंदन में हुए एक स्ट्रीट प्ले का है

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत साबित हुआ। यह 2014 में लंदन की सड़कों पर कुछ कुर्द एक्टिविस्ट्स और अभिनेताओं द्वारा किया गया प्ले था, कोई असली औरतों की नीलामी नहीं।

Fact Check: महिलाओं की नीलामी का दावा करता यह वीडियो 2014 में लंदन में हुए एक स्ट्रीट प्ले का है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक व्यक्ति को सड़क के किनारे कुछ बुर्का पहने हुए महिलाओं की बोली लागाते और उन्हें बेचते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो अफगानिस्तान का है, जहाँ इस तरह महिलाओं को बेचा जा रहा है।

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ। यह वीडियो 2014 का है, जब लंदन की सड़कों पर कुछ कुर्द एक्टिविस्ट्स और एक्टर्स ने एक स्ट्रीट प्ले किया था।

क्या है वायरल पोस्ट में

movies & web series (Archive) नाम के फेसबुक पेज ने वायरल वीडियो को 31 अक्टूबर को पोस्ट किया और साथ में लिखा#अफ़ग़ानिस्तान #Afghanistan “Taliban People Selling Muslim Afghani Women In Kabuli”……ईश्वर की लाठी बड़ी बेआवाज होती है… आज भी गजनी मे शिलालेख है जिस पर लिखा है “दुख्तरे हिंदुस्तान नीलामे 2 दीनार “… कभी जिस अफगानिस्तान मे हिन्द की बेटियां दो दो दीनार में नीलाम की गई थीं आज उन्हीं पठानों की बेटियां बिना कोई मोल लूटी जा रही हैं शायद उनके शरीयत में यही लिखा हो लेकिन हम निंदा करते है… रक्षा प्रभु”

पड़ताल

यह वीडियो पहले भी एक बार गलत दावे के साथ वायरल हुआ था। उस समय भी विश्वास न्यूज़ ने इसकी जाँच की थी। उस समय अपनी पड़ताल के लिए हमने इस वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया था। हमें यह वीडियो दुसरे एंगल से बीबीसी डॉट कॉम की एक खबर में मिला था। खबर के अनुसार, “कुर्द कार्यकर्ताओं द्वारा इस्लामिक स्टेट के खिलाफ सोशल मीडिया अभियान जारी है – लंदन के बीचोंबीच एक नकली “इस्लामिक स्टेट सेक्स स्लेव मार्केट” के वीडियो को YouTube पर एक मिलियन से अधिक बार देखा गया।”

हमें इस बारे में एक खबर न्यूज़ वीक डॉट कॉम पर भी मिली थी। इस खबर के अनुसार भी यह विज़ुअल्स लंदन में 2014 में हुए एक मॉक ड्रिल के ही थे।

हमें इस स्ट्रीटप्ले की कुछ तस्वीरें हफ़्फिंगटन पोस्ट पर भी मिलीं थीं।

हमने इस विषय में 2014 में हफिंगटन पोस्ट के लिए इस खबर को लिखने वाली शार्लोट मेरेडिथ से संपर्क साधा था। उन्होंने हमें बताया था कि यह वीडियो 2014 लंदन का था। वीडियो असल में एक मॉक ड्रिल था।

इस वीडियो को movies & web series नाम के एक फेसबुक यूजर ने गलत दावे के साथ शेयर किया था। इस पेज पर अधिकतर एंटरटेनमेंट जगत की पोस्ट्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत साबित हुआ। यह 2014 में लंदन की सड़कों पर कुछ कुर्द एक्टिविस्ट्स और अभिनेताओं द्वारा किया गया प्ले था, कोई असली औरतों की नीलामी नहीं।

False
Symbols that define nature of fake news
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