Fact Check : कृष्ण भक्तों की पिटाई का यह पश्चिम बंगाल का नहीं, गोवा का पुराना वीडियो है
विश्वास न्यूज की पड़ताल में बंगाल पुलिस के द्वारा इस्कॉन के भक्तों की पिटाई का दावा फर्जी साबित हुआ। वर्ष 2008 में रूसी ग्रुप और गोवा पुलिस के बीच हुई एक झड़प के पुराने वीडियो को अब पश्चिम बंगाल के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Aug 23, 2022 at 01:09 PM
- Updated: Aug 23, 2022 at 09:27 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पुलिस और केसरिया कपड़े पहने कुछ लोगों की आपसी झड़प का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को सोशल मीडिया यूजर्स यह कह कर वायरल कर रहे हैं कि बंगाल पुलिस ने श्री मद्भागवत गीता बांटने पर इस्कॉन के भक्तों की पिटाई की। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। वर्ष 2008 में गोवा पुलिस और रूस के हरे रामा हरे कृष्णा ग्रुप के लोगों के बीच झड़प हुई थी। उसी घटना के वीडियो को अब बंगाल पुलिस के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर प्रदीप वर्मा ने 22 अगस्त को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए दावा किया : ‘क्या हो रहा है वायरल धर्म निरपेक्ष भारत में आपका स्वागत है। ISKON के भक्तों को बंगाल पुलिस द्वारा श्री मद भागवत गीता को बांटने पर पीटा गया। क्या इस पर कोई पार्टी अपनी टिप्पणी करेगी या वो जो धर्म निरपेक्षता का गान करते रहते हैं कुछ बोलेंगे। शर्म से डूब मरो क्योंकि अत्याचार हिंदुओं पर हो रहा है इसलिए कोई कुछ नही बोलेगा।’
फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें भगवा कपड़े पहने कुछ लोगों और पुलिस के बीच झड़प देखी जा सकती है। सबसे पहले वायरल दावे के आधार पर गूगल ओपन सर्च किया गया। हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो इस बात की पुष्टि करे कि पश्चिम बंगाल में ऐसी कोई घटना हुई हो।
इसके बाद वायरल वीडियो में से कुछ कीफ्रेम्स निकाले गए। फिर इन्हें यान्डेक्स टूल की मदद से ओरिजनल सोर्स को खोजना शुरू किया गया। हमें एक रूसी यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो अपलोड मिला। इसमें बताया गया कि कुछ रूसी कृष्णभक्त भारत गए थे। जहां उनके साथ यह घटना हुई। वीडियो 28 अगस्त 2013 को अपलोड किया गया था।
सर्च के दौरान यही वीडियो हमें 18 अप्रैल 2018 की तारीख को एक ट्विटर हैडल पर मिला। इसमें बताया गया कि गोवा के मपुसा मॉर्केट के बाहर गोवा पुलिस और रूसी हरे रामा हरे कृष्णा ग्रुप के भक्तों में मारपीट हुई।
संबंधित कीवर्ड के आधार पर गूगल सर्च किया गया। हेराल्ड गोवा नाम की एक वेबसाइट पर हमें एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि गोवा के मपुसा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में रूसी भक्तों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। यह खबर 26 नवंबर 2008 को अपलोड की गई थी। संबंधित खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ पत्रकार बिजॉय से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वेस्ट बंगाल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
पड़ताल के अंत में गोवा के पुराने वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर प्रदीप वर्मा के 4.9 हजार से ज्यादा फ्रेंड हैं। यूजर मध्य प्रदेश के जबलपुर का रहने वाला है। इस अकाउंट को करीब पांच सौ लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में बंगाल पुलिस के द्वारा इस्कॉन के भक्तों की पिटाई का दावा फर्जी साबित हुआ। वर्ष 2008 में रूसी ग्रुप और गोवा पुलिस के बीच हुई एक झड़प के पुराने वीडियो को अब पश्चिम बंगाल के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : ISKON के भक्तों को बंगाल पुलिस द्वारा श्री मद भागवत गीता को बांटने पर पीटा गया ।
- Claimed By : फेसबुक यूजर प्रदीप वर्मा
- Fact Check : झूठ
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