ऑनलाइन गेमिंग ऐप को प्रोमोट करते हुए क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का वायरल वीडियो डीप फेक है, जिसे धोखाधड़ी की मंशा से बनाया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें एक गेमिंग ऐप के बारे में बात करते हुए देखा और सुना जा सकता है। वीडियो को देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि वह इस ऐप को प्रोमोट करते हुए इससे आसानी से पैसे कमाने का टिप्स दे रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि गेमिंग ऐप को प्रोमोट करता सचिन तेंदुलकर का यह वीडियो डीप फेक है, जिसे धोखाधड़ी के मकसद से लोगों को गुमराह करने के लिए बनाया गया है। इससे पहले सोशल मीडिया पर रश्मिका मंदाना, काजोल समेत अन्य मशहूर हस्तियों का ऐसा ही डीप फेक वीडियो वायरल हो चुका है।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
वायरल वीडियो में सचिन तेंदुलकर को एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप “स्काईवार्ड एविएटर क्वेस्ट” को प्रोमोट करते हुए सुना जा सकता है, जिससे कोई यूजर रोजाना 1,80,000 रुपये तक की कमाई कर सकता है। वीडियो में सचिन तेंदुलकर की भाव-भंगिमा और उनका हावभाव इसमें सुनाई दे रहे ऑडियो से मैच नहीं कर रहा है, जो इसके क्रिएटेड या सिंथेटिक मीडिया होने का संकेत देता है।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस डीप फेक वीडियो का जिक्र है। सचिन तेंदुलकर ने अपने वेरिफाइड एक्स हैंडल से इस वीडियो को पोस्ट करते हुए इसे फेक बताया है। अपनी पोस्ट में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट को टैग करते हुए उन्होंने लिखा है, “These videos are fake. It is disturbing to see rampant misuse of technology. Request everyone to report videos, ads & apps like these in large numbers. Social Media platforms need to be alert and responsive to complaints. Swift action from their end is crucial to stopping the spread of misinformation and deep fakes.” (“ये वीडियो नकली है और आपको धोखा देने के लिए बनाया गया है। टेक्नोलॉजी का इस प्रकार का दुरुपयोग बिल्कुल गलत है। आप सब से विनती है के ऐसे वीडियो या एप या विज्ञापन आपको अगर नजर आए तो उन्हें तुरंत रिपोर्ट करें। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी सावधान रहना चाहिए और इनके खिलाफ की गई शिकायत पर जल्द से जल्द एक्शन लेना चाहिए। उनकी भूमिका इस बारे में बहुत जरूरी है, ताकि गलत सूचना और खबरों को रोका जा सके और डीपफेक का दुरुपयोग खत्म हो।”)
सचिन के इस एक्स पर जवाब देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डीप फेक और एआई संचालित मिस-इन्फॉर्मेशन भारतीय यूजर्स की सुरक्षा और भरोसे के लिए खतरा है, जो नुकसानदेह और कानूनी उल्लंघन से संबंधित है और संबंधित प्लेटफॉर्म्स को इसे रोकना होगा।
सचिन ने अपने फेसबुक पेज से भी पोस्ट जारी करते हुए इस वीडियो को फेक बताते हुए लोगों से उसे रिपोर्ट करने की अपील की है।
वायरल वीडियो में सचिन के जिस ऑरिजिनल वीडियो का इस्तेमाल किया गया है, उसे ढूंढने के लिए हमने इसके की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में यह वीडियो ‘Curly Tales’ नाम के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जिसे करीब आठ महीने पहले अपलोड किया गया है। इस वीडियो में सचिन, कर्ली टेल के नाम से मशहूर कामया जानी से बात करते हुए नजर आ रहे हैं।
इसी वीडियो में एआई टूल की मदद से गेमिंग ऐप को प्रोमोट करने वाले ऑडियो को जोड़ दिया गया है। वायरल वीडियो को लेकर हमने एआई और मशीन लर्निंग पर काम करने वाले विशेषज्ञ अभिजीत पराशर से संपर्क किया। वीडियो के डीप फेक होने की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा कि यह इस कदर चिंताजनक है कि सचिन तेंदुलकर ने खुद आगे आकर इसकी सच्चाई को सामने रखा।
उन्होंने कहा कि यह सिंथेटिक मीडिया है और पिछले कुछ समय से ऐसे वीडियो का इस्तेमाल मिस-इन्फॉर्मेशन फैलाने में किया जा रहा है। security.virginia.edu की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, डीप फेक वास्तव में आर्टिफिशियल इमेज या वीडियो होता है, जिसे विशेष तरह की मशीन लर्निंग (“डीप”) की मदद से तैयार किया जाता है।
ऐसे वीडियो अल्गोरिद्म के इस्तेमाल के जरिए ऑरिजिनल वीडियो को बदल कर बनाए जाते हैं और इसे प्रमाणिक या विश्वसनीय दिखाने के लिए आम तौर पर इसमें मशहूर लोगों के चेहरे को जोड़ दिया जाता है। एआई टूल के सामने आने के बाद ऐसे वीडियो के निर्माण में तेजी आई है। विश्वास न्यूज के एआई सेक्शंस में ऐसे वायरल वीडियो की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ा जा सकता है।
पिछले साल अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का ऐसी ही वीडियो सामने आया था, जो वास्तव में डीप फेक था। इसके बाद काजोल और आलिया भट्ट का भी ऐसा ही वीडियो सामने आया, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां और यहां देखा जा सकता है।
निष्कर्ष: ऑनलाइन गेमिंग ऐप को प्रोमोट करते हुए क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का वायरल वीडियो डीप फेक है, जिसे धोखाधड़ी की मंशा से बनाया गया है।
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