विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असली वीडियो इराक में आयोजित होने वाली अरबईन यात्रा का है। इसका इजरायल-फ़िलिस्तीन जंग से कोई संबंध नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, हालिया इजरायल और हमास के बीच संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ, जबकि वायरल वीडियो उससे पहले से इंटरनेट पर मौजूद है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इसमें कुछ बुरका पहने महिलाओं को अपने कन्धों पर भारत क राष्ट्रीय ध्वज डालकर चलते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह यह वीडियो इजरायल-हमास के बीच जंग से जुड़ा है, जहां फिलिस्तीनी महिलाएं इजरायल की सेना से बचने के लिए भारतीय तिरंगे का इस्तेमाल कर रही हैं, क्योंकि इजरायली सेना भारतीयों को नहीं मार रही है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असली वीडियो इराक में आयोजित होने वाली अरबईन यात्रा का है।
फेसबुक यूजर ‘शेरे हिन्द विजयकांत चौहान‘ (आर्काइव लिंक) ने 4 अक्टूबर 2024 को यह वीडियो शेयर किया, और साथ में लिखा “*हमारे राष्ट्रीय ध्वज की पावर आप यूक्रेन में देख चुके हैं.अब फिलिस्तीन में देखें :– फिलिस्तीन के लोग और वहां की महिलाएं हाथ में तिरंगा लेकर फिलिस्तीन छोड़ रहे हैं क्योंकि इसराइल तिरंगे पर फायर नहीं करता. इजरायल ही नहीं इस समय इस धरती पर किसी देश की हिम्मत नहीं है जो तिरंगे पर फायर कर दे (यह है तिरंगे और मोदी की पावर) औऱ हर भारतीय का रुतबा देश को ऐसा ही तो प्रधानमंत्री चाहिए जो बिना कुछ बोले सब कुछ कर ले।**सोचिये मात्र एक सत्य सनातन हिन्दू धर्म के सच्चे हिन्दू मात्र एक श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी का यह जलवा है. तो यदि इस देश के 100 करोड़ हिन्दू में से 1 लाख क्या 1 हजार हिन्दू भी साप्ताहिक मंदिर मिलन के द्वारा सत्य सनातनी हिन्दू धर्म को जान जायें तो पूरा संसार ही बदल जायेगा.* *भारत माता की जय वंदे मातरम “
वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब्स को हमने गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। हमें यह वीडियो बहुत से सोशल मीडिया पोस्ट्स में सितम्बर 2023 में अपलोड मिला। यहां इसे इराक के कर्बला में होने वाले अरबईन 2023 का बताया गया।
हमें यह वीडियो सबसे पहले falak_haq120 नाम के इंस्टाग्राम पेज पर 31 अगस्त 2023 को अपलोड मिला। यहाँ साथ में लिखा था, “Arabeen walk 2023 “
अरबाईन वॉक, दुनिया की सबसे बड़ी वार्षिक सार्वजनिक सभाओं में से एक है, जिसमें 2023 में दुनिया भर से लगभग 25 मिलियन प्रतिभागी शामिल हुए। यह इराक देश के दो बड़े मज़हबी शहरों नजफ़ और कर्बला के बीच होता है। नजफ़ में इमाम हुसैन के पिता हजरत अली की दरगाह है।हर साल, दुनिया भर से लाखों शिया मुसलमान और अन्य धर्मों के लोग इसमें शामिल होते हैं।
हमने इस विषय में पुष्टि के लिए ईरान की फैक्ट चेक फातिमा करीम खान से बात की। उन्होंने बताया कि यह वीडियो इराक में हर साल होने वाले अरबईन का है, जिसमें नजफ़ से कर्बला तक की यात्रा की जाती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, हालिया इजरायल और हमास के बीच संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ, जबकि वायरल वीडियो उससे पहले से इंटरनेट पर मौजूद है।
एडिटेड वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘शेरे हिन्द विजयकांत चौहान‘ के प्रोफ़ाइल को हमने स्कैन किया। यूजर के लगभग 1500 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असली वीडियो इराक में आयोजित होने वाली अरबईन यात्रा का है। इसका इजरायल-फ़िलिस्तीन जंग से कोई संबंध नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, हालिया इजरायल और हमास के बीच संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ, जबकि वायरल वीडियो उससे पहले से इंटरनेट पर मौजूद है।
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