Fact Check: टॉयलेट से निकलते शेर का यह वीडियो गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य का नहीं है

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की तो हमें पता चला कि वायरल वीडियो का गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य से कोई संबंध नहीं है। गिर के फारेस्ट ऑफिसर ने बताया है कि वीडियो वहां का नहीं है।

नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शेर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें इस शेर को एक टॉयलेट से बाहर निकलते देखा जा सकता है। यूजर्स इसे गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य का बताकर वायरल कर रहे हैं। यह वीडियो फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर खूब वायरल हो रहा है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की तो हमें पता चला कि वायरल वीडियो का गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य से कोई संबंध नहीं है। गिर के फॉरेस्ट ऑफिसर ने बताया है कि वीडियो वहां का नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक पर Namo Blogs नाम के यूजर ने इस वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “गुजरात के गिर में घूमने जा रहे है तो सुलभ शौचालय का उपयोग करने से पहले चेक जरूर कर लेना वरना शौचालय का उपयोग नहीं हो पायेगा, काम उससे पहले ही हो जाएगा।”

फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले गूगल में संबंधित कीवर्ड टाइप करके खबरों और वीडियो को खोजना शुरू किया। हमें इस वीडियो के बारे में एक खबर republicworld.com पर मिली। मगर इस खबर में इस घटना की लोकेशन नहीं बताई गयी थी।

हालांकि, फेसबुक पर हमें यह वीडियो कई जगह इस दावे के साथ अपलोडेड मिला कि यह तंज़ानिया के तरंगिरे नेशनल पार्क का है। मगर कहीं इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला।

हमने इस विषय में तंज़ानिया के तरंगिरे नेशनल पार्क से मेल के ज़रिये संपर्क साधा है। उनका जवाब आते ही इस फैक्ट चेक को अपडेट किया जाएगा।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने जूनागढ़ वाइल्ड लाइफ (सासणगीर) के मुख्य वन्यजीव संरक्षक दुष्यंत वसावड़ा से। उन्होंने बताया, “जंगल में टॉयलेट से बाहर निकलते शेर का वीडियो काफी समय से वायरल हो रहा है। यह सासण गिर जंगल गुजरात का नहीं है। गिर जंगल में ऐसी डिजाइन वाला कोई पक्का टॉयलेट है ही नहीं। देखने में शेर अफ्रीकन लगता है तथा एशियाई शेरों से उसका चेहरा भी थोड़ा अलग नजर आ रहा है। शेर का रंग व बाल भी एशियाई शेरों जैसे नहीं लग रहे हैं। गिर जंगल में पक्के टॉयलेट नहीं हैं, यहां पर सब टेंपररी टॉयलेट लगे हैं।”

पड़ताल के अंत में अब बारी थी फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच करने की। हमें पता चला कि फेसबुक पेज Namo Blogs के 49,523 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की तो हमें पता चला कि वायरल वीडियो का गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य से कोई संबंध नहीं है। गिर के फारेस्ट ऑफिसर ने बताया है कि वीडियो वहां का नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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