विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जलते हुए चर्च का यह वीडियो फ्रांस का है, इसका मणिपुर हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक चर्च जैसी दिखने वाली इमारत में आग लगी हुई देखी जा सकती है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह चर्च मणिपुर में है, जहाँ प्रदर्शनकारियों द्वारा 300 साल पुराने इस चर्च में आग लगा दी गई।
विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जलते हुए चर्च का यह वीडियो फ्रांस का है। इसका मणिपुर हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
जलते हुए चर्च वाले वायरल वीडियो को 15 जुलाई को डॉ. विनीत कुमार गर्ग नाम के फेसबुक यूजर ने शेयर किया। साथ में कैप्शन लिखा, “#मणिपुर सुग्नू इंफाल। नही थम रही हिंसा आगजनी। भाजपा समर्थक उग्रवादियों ने 300 साल से ज्यादा पुरानी St. Joseph’s चर्च जलाई। 74 दिनो से मणिपुर जल रहा है।”
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
हमने वीडियो की पड़ताल करने के लिए इसके स्क्रीनशॉट्स को गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढा। हमें यह स्क्रीनशॉट फ्रांस के जाने-माने टीवी चैनल फ्रांस 3 की वेबसाइट पर एक खबर में मिला। खबर के अनुसार, फ्रांस के मार्ने में लकड़ी से बने ऐतिहासिक चर्च, एल’एग्लिस नोट्रे-डेम-डी ड्रोस्ने में आग लग गई और कुछ ही देर बाद इमारत ढह गई। आग लगने का कारण पता नहीं चला।
हमें इस जलते चर्च की तस्वीर फ्रांस की न्यूज़ वेबसाइट bfmtv.com पर भी मिली। यहाँ मौजूद जानकारी के अनुसार, यह चर्च फ्रांस के मार्ने में स्थित है, जिसका नाम एल’एग्लिस नोट्रे-डेम-डी ड्रोस्ने था।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अगले चरण में मणिपुर हिंसा को कवर करने वाले फ्रीलान्स पत्रकार जेम्स खांगेंबाम से संपर्क किया। जेम्स ने पुष्टि की कि वायरल तस्वीर का मणिपुर में चल रहे हालात से कोई संबंध नहीं है और यह मणिपुर का सेंट जोसेफ चर्च नहीं है।
3 मई को मैती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के बाद से मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक इस हिंसा के चलते 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर ज्यादा जानकारी इन ख़बरों में पढ़ी जा सकती है।
जलते चर्च के वीडियो को डॉ. विनीत कुमार गर्ग नाम के फेसबुक यूजर ने गलत दावे के साथ अपलोड किया था। यूजर के 900 से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जलते हुए चर्च का यह वीडियो फ्रांस का है, इसका मणिपुर हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
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