विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं, बल्कि 2022 का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें कुछ स्कूली छात्रों को एक टीचर पर जातिवादी टिप्पणी करने का आरोप लगाते देखा जा सकता है। यूजर इसे हालिया घटना बताते हुए शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं, बल्कि 2022 का है। इस मामले में कार्रवाई की जा चुकी है।
फेसबुक यूजर बेबी राज (Archive Link) ने 9 नवंबर 2024 को वायरल वीडियो को शेयर किया और साथ में लिखा “खबर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की है, जहां एक जातिवादी शिक्षक भक्षक बन चुका है. मासूम बच्चों को पढ़ाने के बजाय वो उन्हें जातिसूचक गालियां देता है. बच्चों को कहता है “तुम **** हो, नीच हो, तुम लोग के ऊपर थूकना चाहिए”. यह वीडियो उन लोगों के लिए तमाचा है जो कहते जातिवाद नही है. यह वीडियो उन लोगों के गाल पर भी थप्पड़ मारता है जो कहते हैं HINDU खतरे में हैं और खतरा मुसलमानों से है. इस वीडियो में सभी HINDU हैं. जातिवादी हरामजादा शिक्षक भी HINDU है और मासूम बच्चे भी HINDU हैं.”
वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के स्क्रीनग्रैब को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें वायरल वीडियो J Bharat News नाम के यूट्यूब चैनल पर 28 अगस्त 2022 को अपलोड मिला। साथ में लिखा था, “जौनपुर में दलित छात्राओं ने शिक्षक पर जो आरोप लगाया है ,देश सुनकर शर्म से पानी-पानी हो जाएगा।”
यहाँ से क्लू लेकर ओपन गूगल कीवर्ड सर्च किया, तो हमें इस मामले में 2022 की कई खबरें मिलीं। दैनिक जागरण की 22 अगस्त 2022 को प्रकाशित खबर के अनुसार, “जौनपुर के चंदवक क्षेत्र के कसिली गांव स्थित ज्ञान दायिनी पूर्व माध्यमिक जूनियर हाईस्कूल में दोपहर में पहुंचे कुछ लोगों ने हंगामा कर दिया। आरोप था कि अनुसूचित जाति की छात्रा को शिक्षक सभाजीत दीक्षित ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए विद्यालय से भगा दिया।”
पड़ताल में आगे हमें जनसत्ता की 28 अगस्त 222 की खबर मिली जिसके अनुसार, “उत्तर प्रदेश के जौनपुर में अध्यापकों पर जातिसूचक शब्दों को प्रयोग कर बच्चों को अपमानित करने का आरोप लगा है। जिसके बाद अभिभावकों ने गुरुवार को कसिली गांव स्थित ज्ञानदायिनी पूर्व माध्यमिक विद्यालय का घेराव किया। मामला बढ़ता देख स्कूल प्रशासन सकते में आ गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाकर किसी तरह समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। वहीं, अध्यापकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने को थाने में तहरीर दी गई है।”
हमने इस मामले में और जानकारी के लिए दैनिक जागरण के जौनपुर रिपोर्टर आनंद स्वरूप चतुर्वेदी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि यह मामला अगस्त 2022 का था। इस केस में आरोपी टीचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद उसे स्कूल से निकाल दिया गया था।”
वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Baby Raj की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर के 17 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं, बल्कि 2022 का है।
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