हरियाणा के कैथल में नशा तस्करों के अवैध निर्माण पर हुई कार्रवाई के वीडियो को पंजाब का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो का पंजाब से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है,जिसमें एक बुजुर्ग को अपने घर की छत से लिपट कर रोते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में कुछ पुलिस अधिकारी बुजुर्ग को नीचे उतार रहे हैं। यूज़र्स इस वीडियो को पंजाब का बताकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
विश्वास न्यूज़ ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया कि यह वीडियो हाल का नहीं, बल्कि अक्टूबर 2022 का है। वायरल वीडियो हरियाणा के कैथल का है, जिसे पंजाब का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर अकाली दल चान चक ने 13 दिसंबर को वीडियो शेयर किया है और लिखा है ,”रब्बा, तेरी दुनियादारी हमें आई रास नहीं ,
बदलाव की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा लोगों को घरों से बेघर किया जा रहा ,एक बुजुर्ग का हाल देखो जिसका सपनों का घर ही उजाड़ दिया। लाख लहानतें ऐसे मुख्यमंत्री को जिसने वसदे हसदे घर ही उजाड़ दिए। “
यूजर द्वारा शेयर की गई पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है।पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। कई अन्य यूज़र्स भी ऐसे ही मिलते-जुलते दावे के साथ इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए विश्वास न्यूज़ ने संबंधित कीवर्ड से ( बुजुर्ग छत पर रोता हुआ) गूगल पर सर्च किया। हमें वीडियो से जुड़ी कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिली। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 19 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित खबर में वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया था। दी गई जानकारी के मुताबिक, “विधानसभा गुहला का गांव दाबनखेड़ी के दो पुराने नशा तस्करों पर जिला पुलिस और राजस्व विभाग की तरफ से अब तक की सबसे कार्रवाई की गई है। साहब सिंह और सेवा सिंह नाम के बुजुर्गों पर आरोप है कि उन्होंने नशीले पदार्थ बेच कर की गई कमाई से गांव की पंचायती जमीन पर अवैध कब्जे कर मकान बनाए।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
सर्च के दौरान भास्कर पर भी वायरल वीडियो से जुड़ी खबर मिली। अक्टूबर 2022 में प्रकाशित खबर में बताया गया, “हरियाणा के कैथल के गुहला उपमंडल के गांव दाबन खेड़ी में नशा तस्करों द्वारा पंचायती भूमि पर बनाए गए मकानों को गिराने की कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों और पुलिस में झड़प हो गई। मकान मालिक छत पर जा चढा और उसे पुलिस ने जबरन नीचे उतारा।”
पंजाब केसरी पर 19 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित खबर में वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल करते हुए इसे कैथल की घटना बताया गया है।
मामले से जुड़ा वीडियो पंजाबी मीडिया चैनल हमदर्द मीडिया ग्रुप ने अपने फेसबुक पेज पर 23 अक्टूबर 2022 को शेयर किया था। वीडियो को शीर्षक दिया गया था, “अधिकारी मकान गिराने आए, बुजुर्ग छत से लिपट कर रोने लगा सुनो मामले की पूरी सच्चाई।”
वायरल वीडियो को लेकर हमने दैनिक जागरण के कैथल के संवाददाता पंकज अत्रेय के साथ संपर्क किया। उनके साथ वीडियो को शेयर किया। इस बारे में उनका कहना है, “वीडियो हरियाणा के कैथल का है। घटना के समय वो वहीं मौजूद थे। दो पुराने नशा तस्करों पर जिला पुलिस और राजस्व विभाग की तरफ से कार्रवाई की गई थी। वीडियो का पंजाब से कोई संबंध नहीं है।
कई न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार, “जालंधर शहर के पॉश इलाके में 70 साल पहले बनी लतीफपुर कॉलोनी में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के चलते सरकार ने कड़े एक्शन लिए, जिसके चलते अदालती दांव-पेंच में फंसे अवैध निर्माण को ढहा दिया गया। मॉडल टाउन के लतीफ़पुरा को लेकर पिछले कई दशकों से अदालत में केस चल रहा था। इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट और लतीफपुर में रहते 70 परिवार आमने-सामने थे। जिसकी वजह से मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और पिछ्ले दिनों अदालत ने अवैध निर्माण हटाने के आदेश जारी कर दिए थे। आदेशों के चलते इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट, नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण को हटाने के लिए पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई का प्लान किया और दिन निकलते ही मॉडल टाउन का लतीफपुरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया। इस कार्रवाई में हज़ारों लोगों को अपने घर से बेघर होना पड़ा।
पड़ताल के अंत में हमने इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि फेसबुक पर यूजर के 4 हज़ार से ज्यादा मित्र हैं और 489 लोग यूजर को फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: हरियाणा के कैथल में नशा तस्करों के अवैध निर्माण पर हुई कार्रवाई के वीडियो को पंजाब का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो का पंजाब से कोई संबंध नहीं है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।