सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का वह वीडियो डीप फेक या सिंथेटिक मीडिया है, जिसमें उन्हें लिफ्ट में प्रवेश करते हुए देखा जा सकता है। इंस्टाग्राम पर मौजूद एक अन्य प्रोफाइल से शेयर किए गए वीडियो को ऑल्टर इस वीडियो को तैयार किया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिस पर नेटिजन्स अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहे है। कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस वीडियो को यूजर्स रश्मिका मंदाना का वास्तविक वीडियो समझकर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस वीडियो को डीप फेक वीडियो पाया। डीप फेक वास्तव में सिंथेटिक या कृत्रिम मीडिया होता है, जिसमें किसी व्यक्ति की ऑरिजिनल तस्वीर या वीडियो को किसी अन्य व्यक्ति की तस्वीर से इस तरीके से बदल दिया जाता है कि वह देखने में वास्तविक जैसा लगने लगता है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Rashmika By Me’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को रश्मिका मंदाना का बताकर शेयर किया है।
वायरल वीडियो को गौर से देखने पर इसमें किए गए बदलाव को साफ-साफ देखा जा सकता है। नीचे दर्शाए गए कोलाज में इस वीडियो के तीन अलग-अलग फ्रेम को देखा जा सकता है। पहले फ्रेम में नजर आ रही लड़की (लिफ्ट में प्रवेश करती) का चेहरा बिलकुल अलग है, जो लिफ्ट में अंदर आते ही राश्मिका मंदाना के चेहरे में तब्दील हो जाती है।
यानी वायरल हो रहा वीडियो रश्मिका मंदाना का नहीं, बल्कि किसी अन्य का है, जिसे तकनीक की मदद से बदल दिया गया है। वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट को रिवर्स इमेज करने पर ऑरिजिनल वीडियो ‘zaarapatellll’ नामक इंस्टाग्राम यूजर की प्रोफाइल (आर्काइव लिंक) पर लगा मिला, जिसे उन्होंने नौ अक्टूबर को शेयर किया है।
वायरल वीडियो, इसी ऑरिजिनल वीडियो का एडिटेड वर्जन है, जिसमें रश्मिका मंदाना के चेहरे को जोड़ दिया गया है। मंदाना ने अपने वेरिफाइड एक्स हैंडल से सायबराबाद पुलिस को टैग करते हुए इसे डरावना अनुभव बताया है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने लॉएड्स बैंकिंग ग्रुप के एआई एक्सपर्ट और एंटरप्राइज आर्किटेक्ट डॉ. अजहर मैक्वे से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “यह फेक वीडियो है।” उन्होंने बताया कि वीडियो में चेहरा समेत कई जगह विसंगतियां भी नजर आ रही हैं।
इस वीडियो को लेकर हमने एआई और मशीन लर्निंग पर काम करने वाले एक अन्य विशेषज्ञ अभिजीत पराशर से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “यह सिंथेटिक मीडिया है और पिछले कुछ समय से ऐसे वीडियो मिस-इन्फॉर्मेशन को फैलाने का जरिया बन रहा है।” उन्होंने कहा कि आम तौर पर ऐसे वीडियो में मशहूर शख्सियतों के चेहरे का इस्तेमाल किया जाता है।
security.virginia.edu की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, डीप फेक वास्तव में आर्टिफिशियल इमेज या वीडियो होता है, जिसे विशेष तरह की मशीन लर्निंग (“डीप”) की मदद से तैयार किया जाता है।
ऐसे वीडियो अल्गोरिद्म के इस्तेमाल के जरिए ऑरिजिनल वीडियो को बदल कर बनाए जाते हैं और इसे प्रमाणिक या विश्वसनीय दिखाने के लिए आम तौर पर इसमें मशहूर लोगों के चेहरे को जोड़ दिया जाता है। एआई टूल के सामने आने के बाद ऐसे वीडियो के निर्माण में तेजी आई है। विश्वास न्यूज के एआई सेक्शंस में ऐसे वायरल वीडियो की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ा जा सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रश्मिका मंदाना का डीप फेक वीडियो सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डीप फेक वीडियो को “मिस-इन्फॉर्मेशन का सर्वाधिक खतरनाक और नुकसान पहुंचाने वाला” रूप बताया। मंत्री ने अप्रैल में अधिसूचित आईटी नियमों का हवाला देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उनके कानूनी दायित्वों का पालन करने के प्रति आगाह भी किया।
वायरल वीडियो को शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 35 हजार लोग फॉलो करते हैं। विश्वास न्यूज की एआई लिटरेसी सीरीज में ऐसे डीप फेक वीडियो को पहचानने के तरीकों के बारे में समझा जा सकता है।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का वह वीडियो डीप फेक या सिंथेटिक मीडिया है, जिसमें उन्हें लिफ्ट में प्रवेश करते हुए देखा जा सकता है। इंस्टाग्राम पर मौजूद एक अन्य प्रोफाइल से शेयर किए गए वीडियो को ऑल्टर इस वीडियो को तैयार किया गया है।
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