हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि कर्नाटक का बताकर शेयर किया जा रहा यह वीडियो महाराष्ट्र के जलगांंव जिले का है और पांच साल पुराना है। जिसे अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस की जीत के बाद अब समुदाय विशेष के लोग पुलिस को धमकाने लगे हैं। वायरल वीडियो में कुछ लोगों को एक पुलिस अधिकारी के साथ बहस करते हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वीडियो महाराष्ट्र का है। यह घटना 2018 में हुई थी, जब चोपडा बस स्टॉप के पास एक क्षेत्र को खाली करने के लिए कहने पर मुस्लिम दुकानदारों द्वारा एक पुलिस कर्मी को धमकी दी गई थी।
फेसबुक यूजर ‘रूपम सिंह’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “अभी तो मुख्य मंत्री ने शपथ भी नही ली और ये हाल है कर्नाटक में, बधाई हो जीत की। “
कई अन्य यूजर इस वीडियो को मिलते -जुलते दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। वायरल पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में पुलिस कांस्टेबल के साथ बहस कर रहे आदमियों में से एक को मराठी में बोलते हुए सुना जा सकता है। इसके अलावा वीडियो में दिख रहे बोर्ड पर भी मराठी भाषा में लिखा हुआ है। यहां से हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और वीडियो को इनविड टूल के जरिए सर्च किया। इस टूल के माध्यम से वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल लेंस के माध्यम से सर्च करना शुरू किया। हमें वायरल वीडियो ‘Jubileehills Feroz Khan ‘ नाम के फेसबुक पेज पर अपलोड मिला। वीडियो के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, वीडियो महाराष्ट्र का है।
सर्च के दौरान हमें फेसबुक यूजर ‘सोपना जाधव’ के फेसबुक अकाउंट से वीडियो शेयर किया हुआ मिला। 24 सितंबर 2018 को शेयर किए गए वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “चोपडा (जलगाव, महाराष्ट्र ) बस स्टैंड पर की घटना है।” सोपान जाधव द्वारा अपलोड किये गए वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो दोनों एक ही हैं।
‘न्यूज़ सर्च ‘ नाम के फेसबुक पेज पर भी वायरल वीडियो अपलोड मिला। 26 सितंबर 2019 को शेयर किए हुए वीडियो में इसे महाराष्ट्र का बताया गया है।
विश्वास न्यूज ने इस मामले की विस्तृत जानकारी के लिए चोपडा पुलिस स्टेशन से संपर्क किया था। पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर अवतार सिंह चौहान ने बताया था , ‘यह घटना वर्ष 2018 की है, जब कुछ लोगों ने चोपडा बस स्टैंड के पास एक गाड़ी को खड़ा कर दिया था, जिसकी वजह से आवागमन प्रभावित हो रहा था। इसी को हटाए जाने को लेकर विवाद हुआ और वहां लोगों ने पुलिसकर्मी को धमकाते हुए देख लेने की चेतावनी दी।’
पहले भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा चुका है। तब इसे दिल्ली के जहांगीरपुरी का बताकर वायरल किया गया था। उस समय विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल करके सच्चाई सामने रखी थी। आप हमारी फैक्ट चेक स्टोरी को यहां पढ़ सकते हैं।
अब बारी थी उस यूजर के बारे में जानकारी जुटाने की, जिसने महाराष्ट्र के वीडियो को कर्नाटक का बताते हुए शेयर किया है। पता चला कि फेसबुक यूजर रूपम सिंह (Roopam Singh) मुरादाबाद का रहने वाला है। यूजर के 5 हज़ार के करीब मित्र हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि कर्नाटक का बताकर शेयर किया जा रहा यह वीडियो महाराष्ट्र के जलगांंव जिले का है और पांच साल पुराना है। जिसे अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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