Fact Check: ट्रैक्टर पर बैठे खनन माफिया का पीछा कर रही थी उत्तराखंड पुलिस, वायरल वीडियो का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं

वायरल वीडियो खनन माफिया का पीछा करती उत्तराखंड पुलिस का है। इसका यूपी पुलिस या दिल्ली में हुई ट्रैक्टर रैली से कोई लेना-देना नहीं है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक स्कॉर्पियो ट्रैक्टर का पीछा करते दिखाई पड़ रही है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि 26 जनवरी की परेड में किसान को ट्रैक्टर ले जाने से रोकने के लिए यूपी पुलिस उसका पीछा कर रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। ये वीडियो बालू माफिया का पीछा करती उत्तराखंड पुलिस का है, जिसे गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। यूजर ने हमें एक फेसबुक पोस्ट का लिंक भेजा है, जिसमें इस दावे को शेयर किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इस पोस्ट में लिखा है कि 26 जनवरी की परेड में शामिल होने जा रहे किसान का पीछा करती यूपी पुलिस। कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें यही दावा ट्विटर पर भी वायरल मिला। Boy Mandela नाम के ट्विटर यूजर ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए हुबहू यही दावा किया है। इस ट्वीट के आर्काइव्ड लिंक को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले इस वीडियो को गौर से देखा। वीडियो किसी नदी के पास हुई घटना का है, जिसमें एक ट्रैक्टर सवार के पीछे स्कॉर्पियो लगी हुई है। हमने इस वीडियो को InVID टूल में डालकर इसके कीफ्रेम्स निकाले। कीफ्रेम्स पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल करने पर हमें यही वीडियो reddit पर 24 जनवरी 2021 को शेयर की गई एक पोस्ट में मिला। इसके शीर्षक में लिखा है कि ट्रैक्टर से पुलिस को पीछे छोड़ते हुए। इस रेडिट पोस्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इस शुरुआती पड़ताल से ये बात साफ हो गई कि ये वीडियो 26 जनवरी 2021 को किसान आंदोलन के संदर्भ में हुई ट्रैक्टर परेड से पहले का है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इस दावे को इंटरनेट पर सर्च किया। हमें एबीपी न्यूज की साइट (abplive.com) पर 25 जनवरी 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में भी वही वीडियो क्लिप है, जिसे सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ये वीडियो उत्तराखंड के बाजपुर का है, जिसमें स्कॉर्पियो में मौजूद पुलिस ट्रैक्टर लेकर भाग रहे खनन माफिया का पीछा कर रही है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस नई जानकारी के आधार पर इस वायरल वीडियो को यूट्यूब पर तलाशा। हमें यही वीडियो न्यूज 18 वायरल, अमर उजाला और एबीपी न्यूज के वेरिफाइड यूट्यूब चैनलों पर मिला।

अमर उजाल के यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो पर आधारित रिपोर्ट में बताया गया है कि ये उत्तराखंड के बाजपुर की घटना है। इसमें बताया गया है कि उत्तराखंड की कोसी नदी में अवैध खनन कर रहे खनन माफिया का पीछा करते वक्त यह वीडियो शूट हुआ है। इस रिपोर्ट में उत्तराखंड के काशीपुर के तत्कालीन एएसपी राजेश भट्ट के हवाले से बताया गया है कि घटना आईटीआई थाना क्षेत्र की है। एएसपी ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा बनाए गए वीडियो को वायरल किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने इस पड़ताल के लिए काशीपुर के एएसपी से संपर्क किया। फिलहाल राजेश भट्ट की जगह प्रमोद कुमार काशीपुर के एएसपी हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो को उनके साथ साझा किया। एएसपी प्रमोद कुमार ने पुष्टि करते हुए बताया कि इस वीडियो में उत्तराखंड पुलिस खनन माफिया का पीछा कर रही है। उन्होंने इस मामले की अपडेट जानकारी विश्वास न्यूज के साथ साझा करते हुए बताया कि ट्रैक्टर को सीज कर लिया गया है और इसके चालक को भी पकड़ विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है। एएसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि इस वीडियो का यूपी पुलिस या दिल्ली में हुई ट्रैक्टर रैली से कोई लेना-देना नहीं है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को ट्वीट करने वाले यूजर Boy Mandela की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल जुलाई 2019 में बनाई गई है और फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 3432 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: वायरल वीडियो खनन माफिया का पीछा करती उत्तराखंड पुलिस का है। इसका यूपी पुलिस या दिल्ली में हुई ट्रैक्टर रैली से कोई लेना-देना नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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