Fact Check: अग्निपथ योजना के नाम पर वायरल हो रहा यह वीडियो स्क्रिप्टेड है

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया स्क्रिप्टेड वीडियो है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में आर्मी की वर्दी पहने एक शख्स द्वारा एक छोटी बच्ची को कार से टक्कर होने से बचाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में बच्ची के साथ एक औरत भी दिखाई दे रही है। वायरल वीडियो को अग्निपथ योजना से जोड़ते हुए दावा किया जा रहा है कि चार साल बाद अग्निवीर होने का यह फ़ायदा होगा कि समाज में हमारे बीच कुछ चुस्त और मुस्तैद लोग रहेंगे। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को सच मानकर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है, इसे कलाकारों द्वारा बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर “सुरेश जायसवाल” ने 27 जून को इस वीडियो को शेयर किया गया है और साथ में लिखा है,’अग्निवीर का चार साल के बाद ये फायदा है समाज में हमारे साथ हमारे आसपास कोई तो चुस्त मुस्तैद रहेगा हर समय

जय हिंद जय भारत जय जवान

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए संबंधित कीवर्ड से गूगल सर्च किया। हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई रिपोर्ट नहीं मिली। इसके बाद हमने इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो 14 जून 2022 को 3RD EYE नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह एक सोशल अवेयरनेस वीडियो है। वीडियो में वायरल वीडियो के हिस्से को 55 सेकंड से लेकर एक मिनट 23 सेकंड के बीच में देखा जा सकता है। वीडियो के अंत में डिस्क्लेमर भी लगा हुआ है। पूरा वीडियो यहां देखा जा सकता है।

https://www.youtube.com/watch?v=z-RVKWWFee4

हमें प्रिया नाम की एक फेसबुक यूजर द्वारा 6 अप्रैल 2018 को एक वीडियो अपलोड मिला। इस वीडियो में वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों को देखा जा सकता है। वीडियो में इन लोगों ने वही कपडे पहने हैं जैसा कि वायरल वीडियो में पहने हुए हैं। प्रिया ने वीडियो को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है कि इस पेज पर स्क्रिप्टेड ड्रामा और पैरोडीज वीडियोज होते हैं। यह शॉर्ट फिल्म एंटरटेनमेंट और एजुकेशन के इरादे से बनाई गई है।

3RD EYE यूट्यूब चैनल को खंगालने पर पता चला कि यह चैनल इसी तरह के स्क्रिप्टेड वीडियोज बनाता है। कई वीडियोज मजाकिया तो कई गंभीर मुद्दों पर आधारित होते हैं। ये सभी वीडियो कलाकारों द्वारा बनाए जाते हैं इनका सच्चाई से कोई संबंध नहीं होता है।

पहले भी कई बार इस तरह के वीडियोज वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, जिनकी पड़ताल विश्वास न्यूज़ ने की थी। आप इन्हें यहां पढ़ सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने 3RD EYE पेज को चलाने वाले राहुल कश्यप से संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे को गलत बताया है। यह वीडियो शिक्षा और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है।

पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले फेसबुक पेज की जांच की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर को 22,231 लोग फॉलो करते हैं और यूजर मध्य प्रदेश के देवास का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया स्क्रिप्टेड वीडियो है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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