विश्वास न्यूज की पड़ताल में इस वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला है। इस वीडियो के माध्यम से कोविड-19 और 5जी कनेक्शन से जुड़ी कॉन्सपिरेसी थिअरी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। हमारी पड़ताल में पता चला है कि हकीकत में यह वीडियो ब्रिटिश व्यंग्यकार, पत्रकार हेडन प्रोज ने बनाया है। असल में वह इस वीडियो के माध्यम से यह दिखाना चाहते थे कि कोरोना और 5जी से जुड़ी कॉन्सपिरेसी थिअरी को फैलाना कितना आसान है। अब इसी वीडियो को गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स किसी टावर के सामने खड़ा है और उसके हाथों में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट जैसा कुछ दिख रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह शख्स 5जी टावर पर काम करने वाला एक लेबर है, जो टेक्निकल खराबी को ठीक कर रहा था। दावे के मुताबिक टावर में लगी एक प्लेट को खोलकर नहीं देखने का निर्देश था, लेकिन वर्कर ने इसे खोलकर देखा तो कोविड-19 की चिप नजर आई। विश्वास न्यूज की पड़ताल में इस वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला है। इस वीडियो के माध्यम से कोविड-19 और 5जी कनेक्शन से जुड़ी कॉन्सपिरेसी थ्योरी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
हमारी पड़ताल में पता चला है कि हकीकत में यह वीडियो ब्रिटिश व्यंग्यकार, पत्रकार हेडन प्रोज ने बनाया है। असल में वह इस वीडियो के माध्यम से यह दिखाना चाहते थे कि कोरोना और 5जी से जुड़ी कॉन्सपिरेसी थ्योरी को फैलाना कितना आसान है। अब इसी वीडियो को गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज को अपने वॉट्सऐप फैक्ट चेकिंग चैटबॉट पर भी वायरल वीडियो फैक्ट चेक के लिए मिला है। यह वीडियो सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर भी वायरल है। ट्विटर यूजर Dipak Kumar Jha ने 6 जून 2021 को इस वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘यह शख्स 5 G टॉवर पे काम करने वाला लेबर है इस 5 G टावर पर टैक्निकल खराबी पर रिपेयरिंग करना था और खास तौर पर मना किया गया था एक प्लेट को खोलकर नही देखना है उस ने हुक्म की खिलाफ वरजी की और अपनी नौकरी को दाव पे लगा के उस प्लेट को खोलकर देखा तो उस मे Covid-19 की चिप नजर आई।’ इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
फेसबुक यूजर Zubair Arshad ने भी इस वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘यह शख्स 5 G टॉवर पे काम करने वाला लेबर है इस 5 G टावर पर टैक्निकल खराबी पर रिपेयरिंग करना था और खास तौर पर मना किया गया था एक प्लेट को खोलकर नही देखना है उस ने हुक्म की खिलाफ वरजी की और अपनी नौकरी को दाव पे लगा के उस प्लेट को खोलकर देखा तो उस मे Covid-19 की चिप नजर आई उस से साफ जाहिर होता है के इंसानियत के खिलाफ कुछ ना कुछ साजिश जरुर चल रही है अब तो हद हो गई भाइयों चारों तरफ अंधेर मचा है पानी मंहगा सस्ता खून कोई बताए कैसा है ये सरकारी कानून।’
इस वीडियो को शेयर कर एक तरह से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि कोविड-19 के फैलने के पीछे 5जी नेटवर्क जिम्मेदार हैं।
विश्वास न्यूज पहले भी कोविड-19 को 5जी से जोड़ने के कई फर्जी दावों की पड़ताल कर चुका है। उन दावों की पड़ताल पर की गई फैक्ट चेक स्टोरी को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। इस दावे की पड़ताल के लिए विश्वास न्यूज ने सबसे पहले इस वायरल वीडियो को गौर से देखा। इस वीडियो में मौजूद शख्स एक टावर के सामने खड़ा है और उसके साथ में एक सर्किट प्लेट है। शख्स दावा कर रहा है कि टावर में इसे नहीं देखऩे का निर्देश था, लेकिन जब उसने देखा तो पाया कि इसपर Cov-19 चिप लगी है। शख्स का दावा है कि इस चिप को देख उसने सबको दिखाने के लिए वीडियो बनाया।
विश्वास न्यूज ने इस वीडियो की पड़ताल के लिए इसे पहले InVID टूल में डालकर इसके कीफ्रेम्स हासिल किए। हमने उन कीफ्रेम्स पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स से जुड़े ढेरों रिजल्ट मिले। हमें इस वीडियो में दिख रहे सर्किट बोर्ड की तस्वीर Dr Michelle Dickinson के एक ट्वीट में मिली। Dr Michelle Dickinson एक इंजीनियर और रिसर्चर-टीचर हैं, जिन्होंने बायोमेडिकल और मैटेरियल्स इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रखी है। 16 मई 2020 को किए गए एक ट्वीट में वह इस वायरल सर्किट बोर्ड की तस्वीर ट्वीट कर लिखती हैं कि एक नई 5जी क़ॉन्सपिरेसी थ्योरी सामने आई है, जिसमें एक शख्स खुद को टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियर बता रहा है और दावा कर रहा है कि 5जी टावर सर्किट बोर्ड में Cov-19 चिप लगा है। वह अपने ट्वीट में इस दावे को फर्जी बताते हुए लिख रही हैं कि यह ओल्ड टीवी सेट-टॉप बॉक्स है और इसपर Cov-19 का लेबल अलग से लगाया गया है। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।
इसी ट्वीट के रिप्लाई में हमें एयर मेल न्यूज के कॉरेस्पॉन्डेंट निमरोद कामेर का एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में वह एक यूट्यूब वीडियो पोस्ट करते हुए लिख रहे हैं कि वह उस शख्स से मिले, जिसने यह वीडियो बनाया है। SCNR यूट्यूब चैनल पर मौजूद 26 जून 2020 की अपनी यूट्यूब रिपोर्ट में निमरोद उस शख्स को दिखा रहे हैं, जिन्होंने टावर के सामने खड़े होकर वायरल वीडियो को बनाया है। इस वीडियो में निमरोद एक ब्रिटिश व्यंग्यकार और पत्रकार Heydon Prowse को इंट्रोड्यूस कर रहे हैं, जो यह बता रहे हैं कि कोविड-19 और 5जी से जुड़ी कॉन्सपिरेसी थ्योरी की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने यह प्रैंक वीडियो बनाया था। निमरोद की इस वीडियो रिपोर्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इस रिपोर्ट को देखने के बाद Heydon Prowse के बारे में सर्च किया। हमें यूट्यूब पर 5 जून 2020 को Don’t Panic London नाम के चैनल पर उनका एक वीडियो मिला। इस वीडियो के अंग्रेजी शीर्षक का अनुवाद है, ‘एक कॉन्सपिरेसी थ्योरी कैसे शुरू करें – हेडन प्रोज।’ इस वीडियो में Heydon दिखा रहे हैं कि कितनी आसानी से उन्होंने सेट टॉप बॉक्स को 5जी सर्किट किट का रूप देते हुए उसपर अलग से Cov-19 का लेबल लगा दिया। इस पूरे वीडियो को यहां नीचे देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इंस्टाग्राम की मदद से Heydon Prowse से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि वीडियो उन्हीं का बनाया हुआ है और इसे कोविड-19 की कॉन्सपिरेसी थ्योरी से लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया है। आपको बता दें कि WHO 5जी टेक्नोलॉजी और कोरोना से जुड़े इस दावे को पहले ही खारिज कर चुका है कि कोरोना की वजह 5जी नेटवर्क हैं। कोविड-19 का संक्रमण दुनिया के ऐसे देशों में भी दिखा है, जहां 5जी टेक्नोलॉजी है ही नहीं।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Zubair Arshad की प्रोफाइल को स्कैन किया। जुबैर कानपुर के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में इस वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला है। इस वीडियो के माध्यम से कोविड-19 और 5जी कनेक्शन से जुड़ी कॉन्सपिरेसी थिअरी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। हमारी पड़ताल में पता चला है कि हकीकत में यह वीडियो ब्रिटिश व्यंग्यकार, पत्रकार हेडन प्रोज ने बनाया है। असल में वह इस वीडियो के माध्यम से यह दिखाना चाहते थे कि कोरोना और 5जी से जुड़ी कॉन्सपिरेसी थिअरी को फैलाना कितना आसान है। अब इसी वीडियो को गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।
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