Fact Check: सांस रोकने के इस टेस्ट का स्वस्थ फेफड़ों से कोई लेना-देना नहीं, वायरल वीडियो है भ्रामक

विश्वास न्यूज की पड़ताल में लंग्स टेस्ट के नाम पर वायरल दावा गलत साबित हुआ है। पहले भी कई बार ये वीडियो अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो चुकी है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। एक मिनट के इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इस टेस्ट से आप जांच सकते हैं कि आपके फेफड़े स्वस्थ हैं या नहीं। वीडियो के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बिंदु A से बिंदु B तक अपनी सांस रोककर रखता है, तो यह आपके फेफड़ों के स्वस्थ होने का संकेत है। यूजर्स इसे LUNG HEALTH TEST  के तौर पर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ है। इससे पहले कोरोना टेस्ट से जुड़े भी कई ऐसे पोस्ट वायरल हो चुके हैं, जिसमें इसी तरह का दावा किया जा रहा था।  

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Bright Jnr ने 13 जुलाई को इस पोस्ट को शेयर किया और लिखा, “Check Your Lungs and Oxygen Level. If you can hold your breath from point A to B,  Then You are in SAFE ZONE .”    

इंस्टाग्राम पर भी एक यूजर ने इस वीडियो मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। कई अन्य यूजर्स भी इस पोस्ट को मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां पाया जा सकता है।

पड़ताल 

हमने संबंधित कीवर्ड्स (holding breath lungs) की मदद से इंटरनेट पर इस दावे को सर्च करना शुरू किया। सर्च में हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी और उनके आधिकारिक फेसबुक पेज से शेयर की गई एक पोस्ट मिली। WHO की वेबसाइट पर मिथ बस्टर सेक्शन में साफ तौर पर लिखा है कि 10 सेकंड या अधिक समय तक बिना परेशानी के सांस को रोक लेना इस बात का सबूत नहीं है कि आप कोरोनावायरस रोग या फेफड़ों की किसी अन्य बीमारी से मुक्त हैं।

WHO ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज और ट्वविटर हैंडल पर भी ये जानकारी शेयर की थी। जिसे यहाँ देखा जा सकता है। 

वायरल दावे की पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने लखनऊ विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के प्रोफेसर डॉ आशीष वर्मा से संपर्क किया। वायरल दावे को उनके साथ साझा किया। उन्होंने हमें बताया कि साहित्य और चिकित्सा दोनों में ही यह दावा गलत है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने वायरल दावे को सिटिजन स्पेशियलिटी हॉस्पिटल हैदराबाद के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ Prashanth Mukka के साथ साझा किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो यह दावा कर रहा है कि यदि आप बिंदु A से B तक अपनी सांस रोक सकते हैं, तो आपके फेफड़े स्वस्थ हैं, झूठा और भ्रामक है। हर किसी व्यक्ति के फेफड़ों की क्षमता अलग-अलग होती है, इसलिए कोई व्यक्ति कितनी देर तक सांस रोक सकता है, यह उसके फेफड़ों की क्षमता पर निर्भर करता है।

इस से मिलता-जुलता दावा अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होता रहता है। ऐसा ही एक दावा कोरोना काल में भी वायरल हुआ था। उस दौरान भी हमने उसके फैक्ट चेक कर के सच सामने रखा था, जिसकी फैक्ट चेक आप यहां पढ़ सकते हैं। 

जांच के अंत में हमने इस दावे को साझा करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से पता चला कि यूजर Accra, Ghana का रहने वाला है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में लंग्स टेस्ट के नाम पर वायरल दावा गलत साबित हुआ है। पहले भी कई बार ये वीडियो अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो चुकी है।

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Symbols that define nature of fake news
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