Fact Check: यह मूर्ति तुर्की-सीरिया सीमा के पास खुदाई में नहीं मिली, यह इंडोनेशिया के मंदिर की है

विश्वास न्यूज़ की जांच में यह दावा गलत निकला। असल में यह मूर्ति इंडोनेशिया के एक हिन्दू मंदिर की है। यह मूर्ति तुर्की-सीरिया सीमा के पास खुदाई में नहीं मिली है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में एक हिन्दू देवता नरसिम्हा जैसी दिखने वाली मूर्ति को देखा जा सकता है।  पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह मूर्ति तुर्की-सीरिया सीमा के पास खुदाई में मिली है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है।

असल में यह मूर्ति इंडोनेशिया के एक मंदिर की है। यह मूर्ति बाली, इंडोनेशिया में पुरा दलम और पुरा पनतारण देसा अदत कुटा नाम के मंदिर में है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है “”तुर्की-सीरिया” सीमा पर (इराक से भी आगे) “टाइग्रिस नदी” में खुदाई के दौरान मिली भगवाननरसिंह की 3000 साल पुरानी मूर्ति …! कहाँ तक भागोगे बे? जहाँ भी जाओगे, हमें ही पाओगे क्योंकि ये पूरा ब्रह्मांड ही श्रीराम का है। जयश्रीराम 🙏🙏🙏”

इस पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

पड़ताल शुरू करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें virtourist.com नाम की ट्रेवल वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली। तस्वीर के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह तस्वीर बाली के कुटा बीच के पास एक मंदिर की एक मूर्ति की है।

कीवर्ड्स और कीफ्रेम्स के साथ गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर दूसरे एंगल से गूगल मैप्स पर भी मिली। इस तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के अनुसार, यह तस्वीर Pura Dalem & Pura Penataran Desa Adat Kuta मंदिर की है, जो इंडोनेशिया के बाली में स्थित है।

इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने बाली टूरिज्म डिपार्टमेंट की पीआर अफसर और ट्रेवल एक्सपर्ट एरा चंद्रा से संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया कि यह मूर्ति बाली के कुट्टा बीच पर बने पूरा डालेम मंदिर में है।

कीवर्ड्स के साथ ढूंढ़ने पर हमें पता चला कि “दक्षिण-पूर्वी तुर्की में खुदाई के दौरान 3,000 साल पुरानी एक विशाल प्रतिमा मिली, जो कि आइकोसक्लासम के दौरान आंशिक रूप से नष्ट हो गई है। माना जाता है कि यह या तो लौह युग की देवी या किसी राजनीतिक नेता को चित्रित करती है।” यह मूर्ति कहीं से भी वायरल पोस्ट के विवरण से मिलती-जुलती नहीं है।


वायरल वीडियो को साझा करने वाले फेसबुक यूजर Govind ParasRam Vyas की सोशल स्कैनिंग से पता चला है कि यूजर जोधपुर में रहता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में यह दावा गलत निकला। असल में यह मूर्ति इंडोनेशिया के एक हिन्दू मंदिर की है। यह मूर्ति तुर्की-सीरिया सीमा के पास खुदाई में नहीं मिली है।

False
Symbols that define nature of fake news
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