Fact Check : एक माँ द्वारा अपनी बेटी के हत्यारे को अदालत में गोली मारने का यह सीन एक फिल्म की क्लिप है
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। हालांकि, यह बात सही है कि जर्मनी में एक ऐसी घटना सामने आई थी, जिसमें एक महिला ने अदालत में अपनी बेटी के कथित बलात्कारी और हत्यारे को गोली मार दी थी, मगर वायरल क्लिप उस घटना की नहीं, बल्कि उस घटना पर आधारित एक फिल्म की है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Aug 23, 2024 at 01:34 PM
- Updated: Aug 23, 2024 at 01:54 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे देश को झंझोड़ दिया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला को अदालत में बन्दूक से गोलियां चलाते देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो उस घटना का है, जब जर्मनी में एक 7 साल की बच्ची के रेप और हत्या की सुनवाई के दौरान मृत बच्ची की माँ ने आरोपी को गोली मार दी थी।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। हालांकि, यह बात सही है कि जर्मनी में एक ऐसी घटना सामने आई थी, मगर वायरल क्लिप उस घटना की नहीं, बल्कि उस घटना पर आधारित एक फिल्म की है।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक यूजर ‘राष्ट्रवादी अमित सहाना’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “ये जर्मनी की बहादुर Marianne Bachmeier हैं, जिन्होंने अपनी 7 साल की मासूम बच्ची के बलात्कारी को कोर्ट में गोली मारी थी। जिसके बाद इनको 6 साल की सजा सुनाई गई थी। मेरे दृष्टिकोण से मोमबत्तियां जलाने,स्ट्राइक करने,या आंदोलन करने की बजाय न्याय यूं ही होना चाहिए।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो कई फेसबुक और इंस्टाग्राम रील्स पर अपलोड मिला। इन रील्स में इसे एक जर्मन फिल्म । Der Fall Bachmeier – Keine Zeit für Tränen (बैचमीयर मामला – आंसुओं का समय नहीं) की क्लिप बताया गया।
कीवर्ड्स से ढूंढ़ने पर हमें यह पूरी फिल्म यूट्यूब पर अपलोड मिली। फिल्म में 1:19:30 के टाइमस्टैम्प पर वायरल वीडियो क्लिप को एक अलग एंगल से देखा जा सकता है।
हमने इस मामले में एंटरटेनमेंट पत्रकार स्मिता श्रीवास्तव से भी बात की। उन्होंने कहा, “अदालत में मैरिएन बाचमियर ने अपनी बेटी के कथित बलात्कारी और हत्यारे को गोली मारने वाली महिला का यह वायरल वीडियो क्लिप 1984 में रिलीज़ हुई जर्मन फिल्म “डेर फॉल बाचमियर – कीन ज़िट फ़्यूर ट्रैनेन (नो टाइम फ़ॉर टीयर्स: द बाचमियर केस)” का एक दृश्य है। यह फिल्म मैरिएन बाचमियर की सच्ची कहानी पर आधारित है। महिला का किरदार ऑस्ट्रियाई अभिनेत्री मैरी कोलबिन ने निभाया था। यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम जर्मनी की रहने वाली मैरिएन बाचमियर ने 06 मार्च 1981 को कोर्ट की सुनवाई के दौरान क्लॉस ग्रेबोव्स्की की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस पर 7 साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप था। महिला को हत्या के लिए छह साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन तीन साल बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।”
इस केस के बारे में ढूंढ़ने पर हमें कई आर्टिकल मिले, जिन्हें यहाँ और यहाँ पढ़ा जा सकता है।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे का साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। यूजर राष्ट्रवादी अमित सहाना ने प्रोफाइल पर खुद को बरेली का रहने वाला बताया है। फेसबुक पर यूजर के लगभग 7000 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। हालांकि, यह बात सही है कि जर्मनी में एक ऐसी घटना सामने आई थी, जिसमें एक महिला ने अदालत में अपनी बेटी के कथित बलात्कारी और हत्यारे को गोली मार दी थी, मगर वायरल क्लिप उस घटना की नहीं, बल्कि उस घटना पर आधारित एक फिल्म की है।
- Claim Review : एक माँ द्वारा अपनी बेटी के हत्यारे को अदालत में गोली मारने का सीन
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- Fact Check : भ्रामक
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