विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है। यह बच्चा मध्य प्रदेश के रतलाम में जून 2022 में पैदा हुआ था। वह गंभीर अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित था और इसी बीमारी के कारण उस बच्चे की अस्पताल में नॉर्मल मृत्यु हुई थी। पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़ )। सोशल मीडिया पर एक बच्चे का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित बच्चे को देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा कर रहे हैं कि यह बच्चा शामली में पैदा हुआ है और यह ’50 जहर के इंजेक्शन लगाने के बाद भी नहीं मरा, फिर गला काटकर दफनाया गया।’
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है। यह बच्चा मध्य प्रदेश के रतलाम में जून 2022 में पैदा हुआ था और उसकी मौत अस्पताल में अनुवांशिक बीमारी के चलते हुई थी। पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘शामली के पास गांव केडी में आज एक मुसलमान के घर पैदा हुआ अजीबोगरीब बच्चा ! 50 जहर के इंजेक्शन लगाने के बाद भी नहीं मरा, फिर गला काटकर दफनाया गया।’
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने न्यूज़ सर्च किया और अलग-अलग कीवर्ड के साथ खबर को तलाश करना शुरू किया। सर्च किये जाने पर हमें यह खबर 4 जून 2022 को नईदुनिया की वेबसाइट पर मिली। खबर के साथ दी गई मालूमात के मुताबिक, ‘मध्य प्रदेश के रतलाम जिला अस्पताल में शुक्रवार को एक विकृत शिशु को प्रसूता ने जन्म दिया। शिशु बच्चे में कई विकृतियां होने के साथ ही शरीर पर चमड़ी भी पूरी तरीके से नहीं है। नसें भी बाहर दिखाई दे रही है। अंगुलियां और आंख सहित अन्य अंग भी पूरी तरह विकसित नहीं हो पाए। इन सबके बावजूद भी बच्चा रो रहा है और धड़कन भी चल रही है। ऐसे मामलों में शिशु के बचने की संभावना बहुत कम होती है। एमसीएच प्रभारी डॉ. नावेद कुरैशी ने बताया बच्चे में एक साथ कई जन्मजात विकृतियां हैं। जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से ऐसा होता है।
इसी बुनियाद पर न्यूज़ सर्च किये जाने पर हमें हमें आजतक की वेबसाइट पर 4 जून 2022 की इसी मामले से जुड़ी खबर मिली। खबर में इसी बच्चे की तस्वीर को देखा जा सकता है। दी गई मालूमात के मुताबिक, ‘मध्य प्रदेश के रतलाम जिला अस्पताल के आईसीयू के इंचार्ज डॉ. नावेद कुरैशी ने बताया कि बड़ावदा निवासी महिला ने इस बच्चे को जन्म दिया है। मेडिकल भाषा में ऐसे बच्चों को कोलोडियन बेबी कहा जाता है। यह एक जेनेटिक समस्या है। इस बीमारी में गर्भावस्था के दौरान बच्चे की चमड़ी विकसित नहीं हो पाती है और बच्चे के शरीर पर चमड़ी नहीं होने से उसके अंग सूज जाते हैं। नसें बाहर दिखाई देती हैं। ऐसे बच्चे को इन्फेक्शन का ज्यादा खतरा रहता है. बच्चे की अंगुलियां और गुप्तांग भी पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं। गुप्तांग के सही तरीके से डेवलप नहीं होने की दशा में फिलहाल यह संशय है कि यह बच्चा मेल है या फीमेल।’
एनसीबीआई की वेबसाइट पर कोलोडियन बेबी से जुडी जानकारी के मुताबिक – यह अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें नवजात का स्किन विकसित नहीं हो पाता और उसकी जगह तनी हुई झिल्ली नज़र आती है। इसके साथ ही इस तरह के बच्चे के होंठ सामान्य बच्चों की तरह नहीं होते हैं।
पुष्टि के लिए हमने रतलाम जिला अस्पताल के आईसीयू के इंचार्ज डॉ. नावेद कुरैशी से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया कि बच्चे की हालत बहुत गंभीर थी। पैदा होने के कुछ दिन बाद ही उसकी मौत हो गई थी। बच्चा उस वक़्त भी हॉस्पिटल की देखरेख में ही था। वायरल पोस्ट के साथ जो दावा किया जा रहा है, वह बिल्कुल गलत है।
फ़र्ज़ी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर अभय ठाकुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और उसके एक हज़ार से ज़्यादा फेसबुक फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है। यह बच्चा मध्य प्रदेश के रतलाम में जून 2022 में पैदा हुआ था। वह गंभीर अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित था और इसी बीमारी के कारण उस बच्चे की अस्पताल में नॉर्मल मृत्यु हुई थी। पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है।
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