Fact Check: कॉस्मिक किरणों के कारण फोन बंद करने को कहती यह पोस्ट फर्जी है

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है। इसरो ने बताया कि पृथ्वी लगातार कॉस्मिक किरणों के संपर्क में आती है, लेकिन वातावरण के चुंबकीय क्षेत्र एक सुरक्षात्मक कवच के रूप में कार्य करते हैं और इन किरणों से हमें कोई नुकसान नहीं होता।

Fact Check: कॉस्मिक किरणों के कारण फोन बंद करने को कहती यह पोस्ट फर्जी है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 08 अप्रैल यानी आज लगने वाला है। हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा मगर ये विश्व के कई हिस्सों में नजर आएगा। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है, जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है और सिर्फ एक चमकता हुआ रिंग नजर आता है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फिर से वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि “आज रात 12:30 से 3:30 बजे तक कुछ कॉस्मिक किरणें पृथ्वी को पार करेंगी। आप लोग अपने फोन को स्विच ऑफ रखें।”

विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की जांच की और पाया कि यह दावा झूठा है। इसरो ने साफ किया कि यह खबर फेक है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

Jay Prakash Yadav (जय प्रकाश यादव) (आर्काइव ) नाम के फेसबुक यूजर ने 8 अप्रैल को इस पोस्ट को शेयर किया जिसमें अंग्रेजी में लिखा था “आज रात 12:30 बजे से 3:30 बजे के बीच, अपने सेल फोन, लैपटॉप इत्यादि को बंद करना सुनिश्चित करें और इसे अपने शरीर  से दूर रखें। टीवी सिंगापुर ने यह खबर दी है। कृपया अपने परिवार और दोस्तों को सूचित करें। आज रात 12:30 बजे से 3:30 बजे के बीच, हमारी धरती सबसे ज्यादा रेडिएशन का सामना करेगी। कॉस्मिक लाइट किरणें धरती के पास से गुज़रेंगी। इसलिए अपने फोन इत्यादि को बंद कर दें और इसे अपने शरीर से दूर रखें, क्योंकि इससे हमें रेडिएशन के हानिकारक प्रभाव होंगे। आप इसे गूगल और नासा और बीबीसी न्यूज़ पर देख सकते हैं। इस संदेश को उन अन्य लोगों के साथ साझा करें जो आपके परिवार, दोस्तों, मित्रों और यहाँ तक कि आपकी पत्नी के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। ऐसा करके आप कई लोगों की जान बचा सकते हैं। आशा है कि यह उपयोगी होगा!“

पड़ताल

 यह दावा पहले भी कई बार वायरल हो चुका है। हमने इसकी पहले भी पड़ताल की थी।  उस समय हमने पड़ताल करने के लिए पोस्ट को ठीक से पढ़ा था। इस पोस्ट में सिंगापुर टीवी का जिक्र था। हमने जाँच में पाया था कि ऐसा कोई चैनल नहीं है।

गूगल पर ओपन कीवर्ड सर्च से ढूंढ़ने पर भी हमें कहीं ऐसी कोई खबर नहीं मिली थी, जिसमें कॉस्मिक किरणों के धरती से गुजरने की बात कही गयी हो।

हमने इस मामले में अधिक पुष्टि के लिए भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो से मेल के ज़रिये संपर्क साधा था। हमें जवाब में बताया गया था, “संदेश गलत है। ऐसी घटना के बारे में कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है। इसके अलावा इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि कॉस्मिक किरणें मोबाइल उपयोग में कोई मॉड्यूलेशन कर सकती हैं।”

हमने इस विषय में नासा की वेबसाइट और उनके सोशल मीडिया हैंडल्स को भी खंगाला। हमें कहीं भी फ़ोन के इस्तेमाल को लेकर कोई वॉर्निंग नहीं मिली।

पोस्ट में बीबीसी का भी जिक्र है। हमने बीबीसी की वेबसाइट को भी खंगाला मगर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली।

इस पोस्ट को जय प्रकाश यादव नाम के एक फेसबुक यूजर ने शेयर किया था। यूजर मुजफ्फरपुर का रहने वाला है। यूजर के 2500 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है। इसरो ने बताया कि पृथ्वी लगातार कॉस्मिक किरणों के संपर्क में आती है, लेकिन वातावरण के चुंबकीय क्षेत्र एक सुरक्षात्मक कवच के रूप में कार्य करते हैं और इन किरणों से हमें कोई नुकसान नहीं होता।

False
Symbols that define nature of fake news
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