Fact Check : कांवड़ पकड़े मुस्लिम महिलाओं की यह तस्वीर नौ साल पुरानी, भ्रामक दावे के साथ वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि कांवड़ पकड़े मुस्लिम महिलाओं की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि नौ साल पुरानी है। साल 2015 में इंदौर में मुस्लिम महिलाओं ने सावन के आखिरी सोमवार को कांवड़ यात्रा निकाली थी।

Fact Check : कांवड़ पकड़े मुस्लिम महिलाओं की यह तस्वीर नौ साल पुरानी, भ्रामक दावे के साथ वायरल 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बुर्का पहने कांवड़ पकड़ कर लेकर जाती महिलाओं की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। फोटो को शेयर कर हाल का बताते हुए दावा किया जा रहा है कि पहली बार देश में मुस्लिम महिलाएं कांवड़ लेकर निकली हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि नौ साल पुरानी है। साल 2015 में इंदौर में मुस्लिम महिलाओं ने सावन के आखिरी सोमवार को कांवड़ यात्रा निकाली थी।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर रंजीत सिंह ने 1 अगस्त 2024 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “फतवे देना शुरू करो बे..इतिहास में पहली बार कावड़ लेकर निकलीं मुस्लिम ….महिलाएं, बाबा भोले का किया जलाभिषेक साक्षात परमब्रह्म परमेश्वर हैं भगवान शिव,हर धर्म-मजहब-पंथ में इन्ही परमात्मा की इबादत होती है। मामला इंदौर का है।” 

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें वायरल तस्वीर अरुण परमार नामक एक फेसबुक अकाउंट पर मिली। तस्वीर को 25 अगस्त 2015 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के अनुसार, वायरल तस्वीर इंदौर की है। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक रिपोर्ट इंडिया डॉट कॉम की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 25 अगस्त 2015 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, श्रावण मास के आखिरी सोमवार को मुस्लिम महिलाओं ने सिख, पारसी और ईसाई समुदाय की महिलाओं के साथ मिलकर कांवड़ यात्रा निकाली। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्डस की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी एक अन्य रिपोर्ट न्यूज 18 की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 24 अगस्त 2015 को प्रकाशित किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, इंदौर में  सर्व धर्म एकता का संदेश देते हुए कांवड़ यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और पारसी सभी धर्म की महिलाएं शामिल होने के लिए पहुंची। यह यात्रा  मधुमिलन चौराहे से लेकर गीता भवन मंदिर तक निकाली गई थी। इस यात्रा में महिलाओं ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा पहनी थी। 

हमें इस कांवड़ यात्रा से जुड़ा एक वीडियो उमेश चौधरी नामक एक यूट्यूब चैनल पर 26 अगस्त 2015 को इसी जानकारी के साथ प्रकाशित हुआ मिला। 

अधिक जानकारी के लिए हमने नईदुनिया डॉट कॉम, इंदौर के डिप्टी न्यूज एडिटर अरविंद दुबे से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीर साल 2015 में निकाली गई कांवड़ यात्रा की है। 

अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को करीब आठ हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को दिल्ली का रहने वाला बताया है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि कांवड़ पकड़े मुस्लिम महिलाओं की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि नौ साल पुरानी है। साल 2015 में इंदौर में मुस्लिम महिलाओं ने सावन के आखिरी सोमवार को कांवड़ यात्रा निकाली थी।

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