Fact Check: रिक्शे पर शव को ले जाते इस शख्स की यह तस्वीर 2017 की है, हालिया नहीं

विश्वाास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट् गलत साबित हुई। असल में यह तस्वीर 2017 की है। 2017 में पत्रिका डॉट कॉम पर पब्लिश्ड खबर के अनुसार, यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)।सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक साइकिल रिक्शे पर एक आदमी और एक कपड़े में लिपटा हुआ शव जाते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस तस्वीर को हाल का समझ कर वायरल कर रहे हैं। विश्वाप न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट गलत निकली। असल में यह तस्वीर 2017 की है।

2017 में पत्रिका डॉट कॉम पर पब्लिश्ड खबर के अनुसार, यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की है।

क्या हो रहा है वायरल

ट्विटर यूजर MANJUL @MANJULtoons ने 7 मई को इस तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा “ये नया भारत है..” इस तस्वीर को लोग कोरोना में हुई मौत समझकर वायरल कर रहे हैं।

इस पोस्ट का आर्काइव्डव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली। इसमें वायरल तस्वीर को जब हमने अपलोड करके सर्च किया तो असली तस्वीर हमें patrika.com पर 1 सितम्बर 2017 को पब्लिश एक पुरानी न्यूज में मिली। इस खबर में बताया गया, “घटना उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की है, जहां गुरुवार शाम मौदहा थाने के गुरदहा गांव में एक नवविवाहिता महिला ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। स्थानीय पुलिस ने रात में ही लाश को शील मोहर कर जि़ला अस्पताल में रखवा दिया था। सुबह काफी देर तक इंतज़ार करने के बाद भी जब जि़ला अस्पताल से शव वाहन नहीं उपलब्ध कराया गया तो मजबूर होकर परिजन महिला की लाश को रिक्शे में लाद कर जि़ला अस्पताल से पोस्टमॉर्टम हाउस ले कर आए?।”

इस खबर के साथ एक यूट्यूब वीडियो भी एम्बेडेड है, जिसमें वायरल तस्वीर में रिक्शे पर लाश के साथ बैठे व्यक्ति को देखा जा सकता है। Patrika Uttar Pradesh के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 1 सितम्बर 2017 को अपलोडेड इस वीडियो में यह शख्स बता रहा है कि उनकी बेटी ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने लाश को सील कर जि़ला अस्पताल में रखवा दिया था। सुबह काफी देर तक इंतज़ार करने के बाद भी जब जि़ला अस्पताल से शव वाहन नहीं मिला तो मजबूर होकर उन्होंने अपनी बेटी की लाश को रिक्शे में लाद कर जि़ला अस्पताल से पोस्टमॉर्टम हाउस तक पहुंचाया।

https://www.youtube.com/watch?v=t-EAR6j5ltE

हमें इस खबर से जुड़ा एक वीडियो Cmn News नाम के एक यूट्यूब चैनल पर भी मिला। 2 सितम्बर 2017 को अपलोडेड इस वीडियो में भी बताया गया कि घटना उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की है, जहां शव वाहिनी न मिलने के कारण शव को रिक्शे पर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचाया गया था।

इस विषय में पुष्टि के लिए हमने पत्रिका यूपी के एडिटर महेन्द्र प्रताप से फ़ोन के ज़रिये संपर्क साधा। उन्होंने कहा, “यह तस्वीर 2017 की है। घटना हमीरपुर की थी, जहां समय से शव वाहिनी न मिलने के कारण परिजनों ने शव को रिक्शे पर लादकर पोस्टमॉर्टम हाउस तक पहुँचाया था। संबंधित वीडियो भी न्यूज में है।”

अब बारी थी कि उस यूजर की जांच करने की, जिसने इस पुरानी तस्वीर को अब वायरल किया। हमें पता चला कि ट्विटर यूजर @MANJULtoons एक जाने-माने कार्टूनिस्ट हैं और ट्विटर पर इनके 163K फ़ॉलोअर्स हैं। इनका अकाउंट भी वेरिफाइड है।

निष्कर्ष: विश्वाास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट् गलत साबित हुई। असल में यह तस्वीर 2017 की है। 2017 में पत्रिका डॉट कॉम पर पब्लिश्ड खबर के अनुसार, यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट