Fact Check: चट्टानों के बीच शिवलिंग की यह तस्वीर एडिटेड है
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया। यह एक एडिटेड तस्वीर है। नॉर्वे में स्थित दो चट्टानों के बीच में अटके एक पत्थर के फोटो पर एडिटिंग टूलस की मदद से इस शिवलिंग को चिपकाया गया है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Oct 6, 2022 at 11:49 AM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक फोटो में दो चट्टानों के बीच एक पत्थर के ऊपर एक शिवलिंग देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह दक्षिण भारत के एक शिवलिंग की तस्वीर है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। हमने पाया कि यह तस्वीर एडिटेड है।
क्या हो रहा है वायरल?
‘shivam tiwari’ नाम के यूजर ने ‘विश्वगुरु भारतवर्ष सत्यसनातन धर्म ग्रुप मे जुड़ते ही 100 लोगों को जोड़ें’ नाम के फेसबुक पेज पर इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा “#अद्भुत,#अकल्पनीय …वो #शांत भी है #प्रचंड भी, वो #आरंभ भी है और #अंत भी ।। #दक्षिणी भारत में दो #पहाड़ो के बीच स्थित ये #शिवलिंग देखो, हमारे #पूर्वजों ने कितनी मेहनत से अद्भुत व महान #वास्तुकला का हम सबको परिचय करवाया है, और #विरासत में इतने अद्भुत और #आश्चर्य_चकित कर देने वाले #अजूबे हमारे लिए छोड़कर गए है।”
इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
पोस्ट की जांच करने के लिए हमने सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज सर्च का सहारा लिया। हमने वायरल तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढा। हमें यह तस्वीर dreamstime.com पर मिली। पर इस तस्वीर में शिवलिंग नहीं था। आर्टिकल के अनुसार, यह तस्वीर नॉर्वे के जेराँग में स्थित मैजिस्टिक हैंगिंग स्टोन की है। यहाँ इन चट्टानों की और भी कई तस्वीरें थीं।
इसके बाद हमने “MAJESTIC HANGING STONE, KJERAG, NORWAY” कीवर्ड के साथ सर्च किया। हमें इस हैंगिंग स्टोन के कई फोटो मिले, जिससे साफ़ हुआ कि वायरल तस्वीर एडिटेड है। असली तस्वीर नॉर्वे के जेराँग पहाड़ श्रृंखला में स्थित हैंगिंग स्टोन की है, जिसके ऊपर एडिटिंग टूल्स की मदद से शिवलिंग को चिपकाया गया है।
पोस्ट में इस शिवलिंग को दक्षिण भारत का बताया गया है। हमने कीवर्ड्स की मदद से ढूंढा कि क्या दक्षिण भारत में कहीं 2 चट्टानों के बीच बना ऐसा कोई शिवलिंग है। हमें कहीं भी ऐसे किसी शिवलिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
हमारी पड़ताल में हमने पाया कि पूरे दक्षिण भारत में कई जाने-माने शिव मंदिर हैं। यहां तक कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग भी दक्षिण भारत के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में स्थित हैं। पर इनमें से कोई भी जाना-माना शिवलिंग वायरल इमेज से मिलता-जुलता नहीं है।
हमने इस विषय में तमिलनाडु के मयिलादुथुराई स्थित मयूरनाथर मंदिर के प्रबंधक किशोर उनली से संपर्क साधा। उन्होंने कहा, “यह तस्वीर तमिलनाडु के किसी मंदिर की नहीं है। यहाँ ऐसा कोई शिवलिंग नहीं है।” हमने इस विषय में आंध्र प्रदेश के मल्लिकार्जुन मंदिर के संचालक, स्वामी नारायण से भी बात की। उन्होंने भी कन्फर्म किया, “यह शिवलिंग असली नहीं लग रहा है। ऐसा कोई शिवलिंग भारत में मैंने नहीं देखा।”
हमने ऐसे ही एक पोस्ट का पहले भी फैक्ट चेक किया था। उसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।
इस गलत पोस्ट को कई लोगों ने शेयर किया, जिनमें से एक हैं फेसबुक पेज ‘विश्वगुरु भारतवर्ष सत्यसनातन धर्म ग्रुप मे जुड़ते ही 100 लोगों को जोड़ें।’ पेज के 3.6K फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया। यह एक एडिटेड तस्वीर है। नॉर्वे में स्थित दो चट्टानों के बीच में अटके एक पत्थर के फोटो पर एडिटिंग टूलस की मदद से इस शिवलिंग को चिपकाया गया है।
- Claim Review : दक्षिणी भारत में दो पहाड़ो के बीच स्थित ये शिवलिंग
- Claimed By : Facebook page विश्वगुरु भारतवर्ष सत्यसनातन धर्म ग्रुप मे जुड़ते ही 100 लोगों को जोड़ें।
- Fact Check : झूठ
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