Fact Check: चट्टानों के बीच बने शिवलिंग की यह तस्वीर एडिटिंग टूल्स की मदद से बनाई गयी है
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया। पड़ताल में यह तस्वीर एडिटेड साबित हुई। नॉर्वे में स्थित दो चट्टानों के बीच में अटके एक पत्थर के फोटो पर एडिटिंग टूलस की मदद से इस शिवलिंग को चिपकाया गया है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Sep 27, 2023 at 12:35 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें दो चट्टानों के बीच टिके हुए एक पत्थर के ऊपर एक शिवलिंग देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह दक्षिण भारत के एक शिवलिंग की तस्वीर है।
विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। इस तस्वीर को एडिटिंग टूल्स की मदद से बनाया गया है। यह तस्वीर एक बार पहले भी वायरल हुई थी। उस वक्त भी विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल करके अपने पाठकों को सच बताया था।
क्या हो रहा है वायरल?
‘राजपूताना ऑफिशियल ग्रुप ’ नाम के फेसबुक पेज पर ‘क्षत्रिय मीरा सिंह’ नाम के फेसबुक यूजर ने इस तस्वीर को 26 सितंबर को शेयर करते हुए लिखा “अद्भुत,अकल्पनीय, अविश्वसनीय विचित्र किन्तु सत्य। वो शांत भी है प्रचंड भी, वो आरंभ भी है और अंत भी ।। दक्षिणी भारत में दो पहाड़ो के बीच स्थित ये शिवलिंग देखो, हमारे पूर्वजों ने कितनी मेहनत से अद्भुत व महान वास्तुकला का हम सबको परिचय करवाया है, और विरासत में इतने अद्भुत और आश्चर्य_चकित कर देने वाले अजूबे हमारे लिए छोड़कर गए है। जिसका कोई नहीं उपाय उसका ॐ नमः शिवाय ।।।”
इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
पोस्ट की जांच करने के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल लेंस पर खोजा। हमें यह तस्वीर ड्रीम्सटाइम डॉट कॉम नाम की वेबसाइट पर मिली। पर इस तस्वीर में सिर्फ दो चट्टानों के बीच में रखा पत्थर था, उसके ऊपर शिवलिंग नहीं था। आर्टिकल के अनुसार, यह तस्वीर नॉर्वे के जेराँग में स्थित मैजिस्टिक हैंगिंग स्टोन की है। इस पेज पर इन चट्टानों की और भी कई तस्वीरें थीं।
इसके बाद हमने “मैजिस्टिक हैंगिंग स्टोन, जेराँग, नॉर्वे” कीवर्ड के साथ सर्च किया, तो हमें इस हैंगिंग स्टोन की और भी कई तस्वीरें मिलीं।
अब ये तो साफ था कि यह तस्वीर एडिटेड है और असली तस्वीर नॉर्वे के जेराँग पहाड़ी श्रृंखला में स्थित हैंगिंग स्टोन की है, जिसके ऊपर एडिटिंग टूल्स की मदद से शिवलिंग को चिपकाया गया है। चूँकि वायरल पोस्ट में इसके दक्षिण भारत के होने का दावा किया गया है, इसलिए हमने अपनी पड़ताल जारी रखी और उसका रुख बदल कर यह ढूंढना शुरू किया कि क्या भारत में ऐसा कोई शिवलिंग है?
पोस्ट में शिवलिंग के अगल-बगल वाली पहाड़ियों पर तमिल अक्षर लिखे हैं। इसलिए हमने कीवर्ड्स की मदद से ढूंढा कि क्या दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु, में कहीं 2 चट्टानों के बीच बना ऐसा कोई शिवलिंग है। हमें कहीं भी ऐसे किसी शिवलिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
गूगल सर्च करने पर हमने पाया कि पूरे दक्षिण भारत में कई जाने-माने शिव मंदिर हैं। यहां तक कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग भी दक्षिण भारत के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में स्थित हैं। पर इनमें से कोई भी जाना-माना शिवलिंग वायरल इमेज से मिलता-जुलता नहीं है।
यह दावा समय-समय पर वायरल होता रहता है। विश्वास न्यूज ने ऐसे ही एक पोस्ट की पहले भी पड़ताल की थी। उस समय हमने इस विषय में तमिलनाडु के मयिलादुथुराई स्थित मयूरनाथर मंदिर के प्रबंधक किशोर उनली से बात की थी। उन्होंने हमें बताया था, “यह तस्वीर तमिलनाडु के किसी मंदिर की नहीं है। यहाँ ऐसा कोई शिवलिंग नहीं है।” उस समय हमने इस विषय में आंध्र प्रदेश के मल्लिकार्जुन मंदिर के संचालक, स्वामी नारायण से भी बात की थी। उन्होंने भी कन्फर्म किया था, “यह शिवलिंग असली नहीं लग रहा है। ऐसा कोई शिवलिंग भारत में मैंने नहीं देखा।”
हमने ऐसे ही एक पोस्ट का पहले भी फैक्ट चेक किया था। उसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।
इस गलत पोस्ट को कई लोगों ने शेयर किया, जिनमें से एक हैं फेसबुक पेज ‘राजपूताना ऑफिशियल ग्रुप।’ पेज के लगभग ढाई लाख (2,50,000 ) फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया। पड़ताल में यह तस्वीर एडिटेड साबित हुई। नॉर्वे में स्थित दो चट्टानों के बीच में अटके एक पत्थर के फोटो पर एडिटिंग टूलस की मदद से इस शिवलिंग को चिपकाया गया है।
- Claim Review : दक्षिणी भारत में दो पहाड़ो के बीच स्थित है ये शिवलिंग
- Claimed By : Facebook Page Rajputana Official Group
- Fact Check : झूठ
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