Fact Check: ब्रिटेन की महारानी को सैल्यूट करते RSS स्वयंसेवकों की यह तस्वीर एडिटेड है
विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल की और दावा गलत पाया। असल में यह तस्वीर एडिट की गयी है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाया गया है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Nov 25, 2023 at 03:17 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें आरएसएस की यूनिफॉर्म पहने कुछ व्यक्तियों के सामने से ब्रिटेन की महारानी को गुजरते देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि तस्वीर तब की है, जब आरएसएस स्वयंसेवकों ने ब्रिटेन की महारानी को सलामी दी थी।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल पोस्ट की पड़ताल की और दावा गलत पाया। यह तस्वीर एडिटेड है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाया गया है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर Bhanu Manral ( भानु मनराल) (आर्काइव) इस तस्वीर को 15 नवंबर को शेयर किया। तस्वीर के ऊपर लिखा था, “ब्रिटेन माता की जय। यह फोटो बड़ी मुश्किल से हाथ लगा है, हर फोन तक पहुंचना चाहिए। सब को पता चले देश का गद्दार कौन है। #जब पुरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था, तब कुछ गद्दार इंग्लैंड की रानी को सलामी दे रहे थे. सुना है इनके वंशज खुद को देशभक्त कहते हैं.”
इस तस्वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
यह तस्वीर एक बार पहले भी वायरल हो चुकी है। उस समय भी विश्वास न्यूज़ ने इस दावे की पड़ताल की थी।
उस समय गूगल लेंस का इस्तेमाल करके ढूंढ़ने पर हमें आरएसएस स्वयंसेवकों की यह तस्वीर डेक्कन क्रॉनिकल डॉट कॉम पर 2016 में पब्लिश हुई एक खबर में मिली थी। मगर इस तस्वीर में स्वयंसेवकों के सामने महारानी एलिजाबेथ नहीं थीं। हमें यह तस्वीर और भी कई वेबसाइट्स पर मिली। यहाँ मौजूद तस्वीर में भी इन स्वयंसेवकों के सामने कोई नहीं खड़ा था।
क्रॉप करके ब्रिटेन की महारानी वाले भाग को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर द नेशन डॉट स्कॉट पर मिली थी। यहाँ मौजूद इस तस्वीर में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सामने कुछ नाइजीरियाई जवान खड़े थे। यहाँ कैप्शन लिखा था, “अनुवादित: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 2 फरवरी 1956 को अपने कॉमनवेल्थ दौरे के दौरान, नाइजीरिया के कडुना हवाई अड्डे पर नव-नामित क्वीन्स ओन नाइजीरिया रेजिमेंट, रॉयल वेस्ट अफ्रीकन फ्रंटियर फोर्स के पुरुष जवानों का निरीक्षण किया।”
विश्वास न्यूज ने इस विषय में आरएसएस नेता राजीव तुली से संपर्क साधा। उन्होंने कहा, “यह तस्वीर एडिटेड है।”
इसके बाद हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर Bhanu Manral ( भानु मनराल) के प्रोफाइल की जांच की। यूजर के 3000 फेसबुक मित्र हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल की और दावा गलत पाया। असल में यह तस्वीर एडिट की गयी है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाया गया है।
- Claim Review : जब पुरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था, तब कुछ गद्दार इंग्लैंड की रानी को सलामी दे रहे थे.
- Claimed By : फेसबुक यूजर Bhanu Manral ( भानु मनराल) (आर्काइव) इस तस्वीर को 15 नवंबर को शेयर किया। तस्वीर के ऊपर लिखा था, “ब्रिटेन माता की जय। यह फोटो बड़ी मुश्किल से हाथ लगा है, हर फोन तक पहुंचना चाहिए। सब को पता चले देश का गद्दार कौन है। #जब पुरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था, तब कुछ गद्दार इंग्लैंड की रानी को सलामी दे रहे थे. सुना है इनके वंशज खुद को देशभक्त कहते हैं.” इस तस्वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
- Fact Check : झूठ
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