Fact Check: घायल महिला की यह तस्वीर बांग्लादेश की है, पश्चिम बंगाल की नहीं

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। असल में यह तस्वीर बांग्लादेश की है, पश्चिम बंगाल की नहीं।

Fact Check: घायल महिला की यह तस्वीर बांग्लादेश की है, पश्चिम बंगाल की नहीं

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है जिसमें एक घायल महिला को देखा जा सकता है। वायरल तस्वीर में महिला के सर से खून निकल रहा है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। असल में यह तस्वीर बांग्लादेश की है।

हालांकि, यह बात सही है कि 2 मई को विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें जानमाल के नुकसान की कई खबरें आयीं हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर यूजर @Isha5384 ने 4 मई को इस तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा “आबरू लूट गयीं बंगाल की। 😢🙏क्या ये महिला नहीं, क्या बंगाल की बेटी नहीं, क्या बंगाली और महिला केवल ममता ही है । धिक्कार उन को जो महिला है और ममता का अब भी बेशर्मी से समर्थन कर रही है”

इस पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली। इसमें वायरल तस्‍वीर को जब हमने अपलोड करके सर्च किया तो यह तस्‍वीर हमें Raju Das 🇧🇩 @RajuDas7777 नाम के ट्विटर अकाउंट पर 4 नवंबर 2020 को अपलोडेड मिली। तस्वीर के साथ लिखा था “On 3/11/2020, land robber Md: Rubel & his terrorist forces attacked a poor Hindu family at East Yugir Hat in Aman Bazar, Hathazari Police Station,Chittagong,Bangladesh. Land robber Md: Rubel has been trying to occupy d victim’s place for a long time. #HinduLivesMatterInBangladesh” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “3/11/2020 को, जमीन लुटेरा Md: रुबेल और उसके आतंकवादी बलों ने बांग्लादेश के चटगाँव के अमन बाज़ार, हत्झारी पुलिस स्टेशन के ईस्ट युगीर हाट में एक गरीब हिंदू परिवार पर हमला किया। भूमि लुटेरा एमडी, रुबेल लंबे समय से पीड़ित के घर पर कब्जे की कोशिश कर रहा है।”

हमें यह तस्वीर एक फेसबुक पोस्ट में भी मिली। 4 नवंबर को মরণ ফাঁদ-লাভ জিহাদ नाम के एक बांग्लादेशी पेज ने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा था “चटगाँव जिले के हत्ज़ारी पुलिस स्टेशन के अमन बाज़ार के पूर्वी हिस्से में युगीन हट में भूमि हड़पने वालों ने एक गरीब परिवार पर हमला किया।”

इस विषय में पुष्टि के लिए हमने इस वीडियो को नवंबर में ट्वीट करने वाले यूजर राजू दास से संपर्क साधा। राजू दास एक बांग्लादेशी हिन्दू एक्टिविस्ट हैं। हमसे फ़ोन पर बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि यह घटना बांग्लादेश के चटगाँव में नवम्बर 2020 में हुई थी।

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 6 मई को प्रकाशित खबर के अनुसार, “बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से जारी राजनीति हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश भाजपा ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले 24 घंटे के दौरान उसके दो और कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं व उनके घरों पर हमले का भी दावा किया है।” ज़्यादा जानकारी के लिए ये खबर पढ़ें।

अब बारी थी कि उस यूजर की जांच करने की, जिसने इस पुरानी बांग्लादेश की तस्‍वीर को अब बांग्लादेश का बता कर वायरल किया। हमें पता चला कि ट्विटर यूजर ईशा बजाज @Isha5384 के 4,086 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। असल में यह तस्वीर बांग्लादेश की है, पश्चिम बंगाल की नहीं।

False
Symbols that define nature of fake news
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