Fact Check: नमाज पढ़ते सिख व्यक्ति की यह तस्वीर पुरानी है, वायरल दावा गलत है

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। नमाज़ पढ़ते सिख व्यक्ति की यह तस्वीर इंटरनेट पर 2016 से मौजूद है। इसका किसान आंदोलन से कोई सम्बन्ध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट वायरल हो रही है, जिसमें पगड़ी पहने एक सिख व्यक्ति को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की पोजिशन में बैठे देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह व्यक्ति मुस्लिम है, जिसने सिख के वेश में किसान आंदोलन में हिस्सा लिया और बाद में अपनी धार्मिक आस्था का पालन करते हुए नमाज़ पढ़ने गया, मगर अपना हुलिया बदलना भूल गया।

हमारी जांच में पता चला कि यह दावा गलत है। यह तस्वीर इंटरनेट पर 2016 से मौजूद है। इसका किसान आंदोलन से कोई सम्बन्ध नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Ishwar Prajapati ने 12 जनवरी को इस तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ”He went to attend ‘Kissan Rally’,
forgot to remove his head gear on return to mosque. His agenda could be anything but their welfare.😡😠🤛” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “वह, ‘किसान रैली’ में भाग लेने के लिए चला गया। मस्जिद लौटने पर अपना वेश बदलना भूल गए। उनका एजेंडा कुछ भी हो सकता है, लेकिन किसानों का कल्याण नहीं।”

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

इस तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। सर्च के दौरान हमें यह तस्वीर Shaykh Mohammed Aslam नाम के फेसबुक पेज पर 31 जनवरी 2016 को अपलोडेड मिली। तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “This Sikh man entered the mosque on the day of Jumm’ah, performed wudhu, and amazingly said “Allahu Akbar” and prayed in front of everyone. May Allah spread this beautiful religion across the world.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है, “इस सिख व्यक्ति ने जुम्मे के दिन मस्जिद में प्रवेश किया और आश्चर्यजनक रूप से “अल्लाहु अकबर” कहा और सभी के सामने प्रार्थना की। अल्लाह इस खूबसूरत धर्म को दुनिया भर में फैलाये।”

हमें यह तस्वीर kohraam.com नाम की वेबसाइट पर भी मिली। 22 जनवरी 2016 को पब्लिश्ड खबर में लिखा था, “कोहराम न्यूज़ को मिली जानकारी  के मुताबिक,  ये सिख युवक जुम्मा मस्जिद में अकेले दाखिल हुआ और सीधा पानी लेकर वजू करने बैठ गया। शुरुआत में तो लोगो को ये लगा कि शायद ये कोई ‘कर्मचारी’ होगा और मस्जिद में लाइट,पानी,या अन्य किसी उपकरण की खराबी के सिलसिले में आया होगा लेकिन लोगो ने उस समय दांतों तले ऊँगली दबा ली,जब इस युवक ने बिल्कुल सही तरीके से वजू किया और सीधे जाकर नमाज़ पढने वाली चटाई पर खड़ा हो गया, लोग अभी इस सिख युवक को उत्सुकतावश देख ही रहे थे तभी “अल्लाह हु अकबर ” की आवाज़ के साथ उस युवक ने नियत बांधली और नमाज़ पढनी शुरू कर दी.”

https://kohraam.com/look-here/when-sikh-man-offer-friday-prayer-35710.html/

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने कोहराम न्यूज़ से संपर्क साधा। हमें यहाँ से इस व्यक्ति को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली।

इसके बाद हमने Shaykh Mohammed Aslam नाम के फेसबुक पेज से संपर्क साधा। हमारे मैसेज का जवाब देते हुए पेज के एडमिन मोहम्मद यूनिस खान ने कहा “यह तस्वीर हमने क्लिक नहीं की थी। हमें यह तस्वीर एक फॉलोअर ने भेजी थी, जिसे हमने पोस्ट कर दिया था। तस्वीर में मौजूद व्यक्ति और जगह की हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। पर ये बात सच है कि तस्वीर पुरानी है, हालिया नहीं।”

हम स्वतंत्र रूप से इस तस्वीर का स्रोत नहीं बता सकते पर यह बात साफ़ है कि यह तस्वीर हाल में चल रहे किसान आंदोलन की नहीं है।

पड़ताल के अंतिम चरण में हमने उस पेज की जांच की, जिसने इस पुरानी तस्वीर को किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल किया। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर Ishwar Prajapati गुजरात के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। नमाज़ पढ़ते सिख व्यक्ति की यह तस्वीर इंटरनेट पर 2016 से मौजूद है। इसका किसान आंदोलन से कोई सम्बन्ध नहीं है।

False
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