Fact Check: बीमार हाथी की यह तस्वीर थाईलैंड की है, तमिलनाडु की नहीं

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। हाँ, ये बात सही है कि असम द्वारा तमिलनाडु को एक हाथी बेचा गया था और उसकी हालत अभी ख़राब है। मगर वायरल तस्वीर में दिख रहा हाथी वो हाथी नहीं है।

नई दिल्ली, विश्वास न्यूज़: सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में एक बीमार हाथी को देखा जा सकता है, जिसके शरीर कर कई जगह जख्म हैं। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह हाथी असम का है, जिसे तमिलनाडु को लीज पर दिया गया था और सब उसकी ऐसी दुर्गति हो गयी है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। हाँ ये बात सही है कि असम द्वारा तमिलनाडु को एक हाथी बेचा गया था और उसकी हालत अभी ख़राब है मगर वायरल तस्वीर में दिख रहा हाथी वो हाथी नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

‘প্ৰেমৰ অনুভূতি’ नाम के एक फेसबुक पेज ने इस पोस्ट को शेयर किया। साथ में लिखा “अनुवादित: आज गणेश पूजा है इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें #Assamese_elephant_captive_in_Tamil_Nadu_temple जयमाला। हाथी को 2008 में असम से तमिलनाडु को सिर्फ छह महीने के लिए पट्टे पर दिया गया था। हाथी, जिसे पिछले 13 वर्षों से अवैध रूप से पकड़ा गया था, को चारों पैरों से बांध दिया गया था और एक मंदिर परिसर में कई बार बेरहमी से पीटा गया था। लेकिन असम वन विभाग सब कुछ जानने के बावजूद उदासीन है।”

पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में तमिलनाडु के हाथी जोयमाला का ज़िक्र है। इसलिए विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले कीवर्ड्स से सर्च किया। हमें इस हाथी को लेकर कई ख़बरें मिलीं। news18.com की खबर के अनुसार “अनुवादित: जानवरों के खिलाफ क्रूरता की एक चौंकाने वाली घटना में, तमिलनाडु में एक मंदिर के परिसर के अंदर कथित तौर पर कई महावतों द्वारा बेरहमी से पीटने के बाद जॉयमाला नाम के एक हाथी को चिल्लाते हुए देखा गया था। मादा टस्कर को ऊपरी असम के तिनसुकिया के गिरिन मोरन नामक किसी व्यक्ति का यह हाथी था, जिसने 2011 में वन विभाग से आवश्यक अनुमोदन के बाद हाथी को एक बिचौलिए के माध्यम से तमिलनाडु के मंदिर को बेच दिया था। अब, हाथी तमिलनाडु के विरुधुनगर के एक मंदिर में कैद में अपने दिन गिन रहा है। पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल हाथी की अग्निपरीक्षा की मुहिम में लगे हैं, क्योंकि उसे महावत के हाथों असहनीय यातना का सामना करते देखा गया था।”

ndtv.com की खबर के अनुसार “अनुवादित: एक हाथी, जॉयमाला, तमिलनाडु में ख़बरों में है, जहां राज्य सरकार पशु अधिकार संगठन पेटा के दावों से लड़ रही है कि जानवर पर क्रूरता की गयी है। तमिलनाडु सरकार ने 31 सेकंड के एक वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा कि हाथी जॉयमाला “बिल्कुल अच्छा कर रहा है”। यह वीडियो पेटा के उस वीडियो का मुकाबला करने के लिए है, जिसमें जाहिर तौर पर जानवर को संकट में दिखाया गया है।”

हमें इस विषय में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें लिखा था- “We are against any form of cruelty to animals. Hence, reports of ill-treatment to Joymala, an elephant from Assam, in Tamil Nadu have pained us. Held a meeting with Forest Dept officials in presence of Environment & Forest Minister Shri @cmpatowary  to discuss the matter.” अनुवाद: हम जानवरों के साथ किसी भी तरह की क्रूरता के खिलाफ हैं। इसलिए, तमिलनाडु में असम की एक हाथी जॉयमाला के साथ दुर्व्यवहार की खबरों ने हमें पीड़ा दी है। पर्यावरण एवं वन मंत्री श्री की उपस्थिति में वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की @cmpatowary मामले पर चर्चा करने के लिए।

अब यह बात तो तय थी कि हाथी जोयमाला को लेकर तमिलनाडु और असम सरकार के बीच तनाव चल रहा है। मगर अब हमें यह जानना था कि क्या वायरल तस्वीर जॉयमाला की ही है?

हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह तस्वीर नेशनल जियोग्राफिक की एक खबर में मिली। खबर के अनुसार, यह तस्वीर थाईलैंड के एक हाथी की थी।

euronews.com की खबर में भी इस तस्वीर को थाईलैंड का ही बताया गया है।

इसके बाद हमने कन्फर्मेशन के लिए पेटा इंडिया (PETA इंडिया) के मीडिया कोऑर्डिनेटर हीरज से बात की। हीरज ने हमें बताया, “वायरल दावा तो सही है मगर उसके साथ शेयर की जा रही तस्वीर गलत है। वायरल फोटो में दिख रही तस्वीर जॉयमाला की नहीं है।”

इस पोस्ट को गलत दावे के साथ প্ৰেমৰ অনুভূতি नाम के एक यूजर ने शेयर किया था। यूजर के 9000 से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। हाँ, ये बात सही है कि असम द्वारा तमिलनाडु को एक हाथी बेचा गया था और उसकी हालत अभी ख़राब है। मगर वायरल तस्वीर में दिख रहा हाथी वो हाथी नहीं है।

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