Fact Check: ‘गो बैक मोदी’ का प्लाकार्ड पकड़े हुए लड़की की यह तस्वीर एडिटेड है

पीएम मोदी का विरोध करते वायरल हो रही लड़की की तस्वीर एडिटेड है। तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इंडोनेशिया के बाली में दो दिनों से चल रही जी-20 बैठक के समापन के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है,जिसमें एक लड़की को ‘गो बैक मोदी ,अगेन गो बैक मोदी’ लिखे हुए प्लाकार्ड पकड़े हुए देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल तस्वीर एडिटेड निकली। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राजनीति दुष्प्रचार के इरादे से बनाया गया है। असल तस्वीर में ‘गो बैक मोदी’ नहीं, बल्कि ‘रिपब्लिकन को वोट देने के लिए डेमोक्रेट्स और निर्दलीय उम्मीदवारों को एकजुट होना चाहिए। इस नवंबर में ब्लू वोट करें। संबंधित नागरिक द्वारा भुगतान किया गया ‘लिखा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Philliph Anthony Sherratt ‘ ने 17 नवंबर को पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है ‘First Telangana Now Indonesia…..
#GoBackModi #G20Indonesia #G20Indonesia2022 #G20Summit ‘

फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट को सच समझ कर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें कई फेसबुक पोस्ट में 1 जुलाई 2022 को यह तस्वीर मिली। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर से मिलती-जुलती है, पर प्लाकार्ड में लिखे शब्द अलग हैं। इससे पता चलता है कि असली तस्वीर को एडिट करके वायरल किया जा रहा है।

सर्च के दौरान हमें ‘Ralph Atchue ‘ नाम के ट्विटर यूजर द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर मिली। 1 जुलाई 2022 को किए गए ट्वीट में भी सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर जैसा कुछ नहीं लिखा था। यहां प्लाकार्ड में “Democrats and independents must unite to vote out Republicans. Vote blue this November. Paid for by concerned citizen.” लिखा हुआ है।

लेखक वजाहत अली ने भी अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से 1 जुलाई 2022 को प्लेकार्ड पकड़े महिला की वही तस्वीर शेयर की थी, जो सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर उन्होंने लिखा, ‘This lady has been holding this sign at the middle of the intersection, stone cold, not a word uttered. I still think the country is underestimating the anger of women and Gen Z. They won’t take this sitting down. They won’t go back.’

वायरल तस्वीर को लेकर अधिक जानकारी के लिए हमने वजाहत अली से ट्विटर के जरिए संपर्क किया। हमें जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि दावा गलत है। किसी ने असली तस्वीर को एडिट किया है। मैंने असली तस्वीर ली थी। यह रिपब्लिकन के खिलाफ मतदान के बारे में था।

पड़ताल के अंत में हमने इस तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर को 17K लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक पर इस पेज को 8 फरवरी 2018 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: पीएम मोदी का विरोध करते वायरल हो रही लड़की की तस्वीर एडिटेड है। तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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