Fact Check : भगवान कृष्ण के दिल के दावे के साथ वायरल हो रही यह तस्वीर कलाकृति है

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत निकला। यह कोई असली दिल की नहीं है, बल्कि एक आर्टवर्क है। जिसे रूस के एक कलाकार दिमित्री त्सिकालोव ने बनाया है। जिसे कुछ लोग अब भगवान कृष्ण का दिल बताकर शेयर कर रहे हैं।

Fact Check : भगवान कृष्ण के दिल के दावे के साथ  वायरल हो रही यह तस्वीर कलाकृति है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर भगवान कृष्ण से जुड़ी एक पोस्ट बहुत वायरल हो रही है। पोस्ट में एक पेड़ के आकार के बने दिल की तस्वीर है। जिसे शेयर कर कुछ लोगों ने दावा किया कि ये ओडिशा में स्थित भगवान जगन्नाथ के दिल की तस्वीर है, जिसे जगन्नाथ मंदिर में संभाल कर रखा गया।

विश्वास न्यूज की  पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। दरअसल ये भगवान कृष्ण के असली दिल की नहीं, बल्कि पेड़ से बने आर्टवर्क दिल की तस्वीर है। जिसे रूस के एक कलाकार दिमित्री त्सिकालोव (Dimitri Tsykalov) ने लकड़ी और पेड़ की छाल से बनाया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर सुनीता परिहार ने 3 अक्टूबर 2023 को लंबे-चौड़े कैप्शन के साथ वायरल तस्वीर को शेयर किया है और लिखा है, “भगवान् कृष्ण ने जब देह छोड़ी तो उनका अंतिम संस्कार किया गया, उनका सारा शरीर तो पांच तत्त्व में मिल गया, लेकिन उनका हृदय बिल्कुल सामान्य एक जिंदा आदमी की तरह धड़क रहा था और वो बिलकुल सुरक्षित था , उनका हृदय आज तक सुरक्षित है , जो भगवान् जगन्नाथ की काठ की मूर्ति के अंदर रहता है और उसी तरह धड़कता है, ये बात बहुत कम लोगो को पता है!।

इस पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

वायरल तस्वीर को हमने गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें यह फोटो ‘coolhunting.com’ की वेबसाइट पर पब्लिश एक आर्टिकल में मिली। 16 अप्रैल 2013 को पब्लिश आर्टिकल के मुताबिक, ” यह एक आर्टवर्क है, जिसे दिमित्री त्सिकालोव नाम के एक रूसी कलाकार ने बनाया है।

सर्च के दौरान हमें यह तस्वीर ‘buro247.ru’ की वेबसाइट पर भी मिली। 29 मार्च 2013 को पब्लिश आर्टिकल में बताया गया, “यह तस्वीर पेरिस आर्ट फेयर की है। जिसे दिमित्री त्सिकालोव ने बनाया है।

‘thalmaray.co’ नाम की वेबसाइट पर दिमित्री त्सिकालोव के आर्टवर्क की जानकारी मिली। 14 दिसंबर 2017 को पब्लिश आर्टिकल में बताया गया, “दिमित्री त्सिकालोव का जन्म रूस में हुआ था। हालांकि,अब वो पेरिस में रहते हैं और वहीं से काम करते हैं। दिमित्री ने छाल और मिट्टी से बने एक विशाल लकड़ी के दिल का निर्माण किया था। उनके इस आर्टवर्क को ‘हार्ट एंड सॉइल’ नाम से जाना जाता है। यहां हमें दिमित्री त्सिकालोव के बनाए गए कई अन्य आर्टवर्क के बारे में भी जानकारी मिली।

वायरल पोस्ट से जुड़ी जानकारी को कई अन्य वेबसाइट पर भी पढ़ा जा सकता है। पहले भी यह तस्वीर समान दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। उस समय भी विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी। उस समय दावे को लेकर हमने जगन्नाथ मंदिर के पीआर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। इस तस्वीर का भगवान जगन्नाथ से कोई संबंध नहीं है, लोग गलत जानकारी शेयर कर रहे हैं।” फैक्ट चेक स्टोरी को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की जांच की। जांच के दौरान पता चला कि यूजर जयपुर की रहने वाली है। यूजर को फेसबुक पर 7 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत निकला। यह कोई असली दिल की नहीं है, बल्कि एक आर्टवर्क है। जिसे रूस के एक कलाकार दिमित्री त्सिकालोव ने बनाया है। जिसे कुछ लोग अब भगवान कृष्ण का दिल बताकर शेयर कर रहे हैं।

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