विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल तस्वीर असल में चीन के गांसु प्रांत में वेइयुआन-वुडू एक्सप्रेस-वे की है, जम्मू नेशनल हाईवे-44 की नहीं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पहाड़ों के बीच बने हाईवे की एक तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह जम्मू नेशनल हाईवे-44 की है। तस्वीर बड़ी ही लुभावनी है, क्योंकि इसमें पहाड़ों के बीच नदी के ऊपर सड़क का निर्माण किया गया है।
विश्वास न्यूज अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर असल में पश्चिम चीन के गांसु प्रांत में वेइयुआन-वुडू एक्सप्रेस-वे की है, जिसे अब जम्मू नेशनल हाईवे 44 का बताकर शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक पेज Modi 2.0 ‘मोदी 2.0’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “जम्मू नेशनल हाईवे 44 . देखने मे तो विश्वास नही होता ये अपने देश मे है।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
यह तस्वीर एक बार पहले भी भ्रामक दावे के साथ वायरल हो चुकी है। उस समय भी विश्वास न्यूज ने इसकी जांच की थी। उस समय वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया था। हमें वायरल तस्वीर विरिली डॉट कॉम नाम की वेबसाइट पर मिली थी। 2020 में प्रकाशित इस रिपोर्ट में तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक यह चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत बनी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना की तस्वीर है, जिसे उत्तर-पश्चिमी चीन के गांसु प्रांत में बनाया गया है।
उस समय हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी खबर कक्सीग्लोबल डॉट कॉम की वेबसाइट पर भी मिली थी। 27 जुलाई 2022 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर के साथ शीर्षक लिखा गया है, “चीन के पास राजमार्ग विस्तार की बड़ी योजनाएं हैं।” इसमें चीन के विभिन्न एक्सप्रेस-वे की तस्वीरें भी मौजूद हैं। तस्वीर के कैप्शन में बताया गया, फोटो में दिख रही सड़क, उत्तर-पश्चिमी चीन के गांसु प्रांत में वेइयुआन – वुडू एक्सप्रेस-वे की है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर जम्मू नेशनल हाईवे -44 को लेकर सर्च किया। सर्च में हमें कई तस्वीरें मिली, लेकिन वायरल पोस्ट से जुड़ी कोई तस्वीर नहीं मिली। राष्ट्रीय राजमार्ग – 44 भारत का सबसे लंबा उत्तर-दक्षिण राजमार्ग है जो श्रीनगर से कन्याकुमारी तक 4,112 किमी की लंबाई तक फैला है।
हमने इस विषय में दैनिक जागरण के जम्मू ब्यूरो चीफ नवीन नवाज से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीर जम्मू नेशनल हाईवे-44 की नहीं है।
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज मोदी 2.0 की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि पेज को 30 हज़ार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल तस्वीर असल में चीन के गांसु प्रांत में वेइयुआन-वुडू एक्सप्रेस-वे की है, जम्मू नेशनल हाईवे-44 की नहीं।
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