Fact Check: बाबरी मस्जिद की नहीं है ये तस्वीर, दोबारा वायरल हुई कर्नाटक की एक मस्जिद की फोटो

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह तस्वीर बाबरी मस्जिद की नहीं है, बल्कि यह फोटो कर्नाटक की जामा मस्जिद की है।

Fact Check: बाबरी मस्जिद की नहीं है ये तस्वीर, दोबारा वायरल हुई कर्नाटक की एक मस्जिद की फोटो

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक मर्तबा फिर से एक मस्जिद की तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल की जा रही तस्वीर को शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि यह बाबरी मस्जिद की एक बेहद पुरानी तस्वीर है जिसे कम ही लोगों ने देखा होगा। तस्वीर को आस्था से जोड़ते हुए अलग- अलग प्लेटफॉर्म  पर शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह तस्वीर बाबरी मस्जिद की नहीं है, बल्कि यह फोटो कर्नाटक  की जामा मस्जिद की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल तस्वीर को शेयर किया जिस पर लिखा था, ”अस्सलामु अलैकुम बाबरी मस्जिद की तस्वीर शायद कम लोगों ने देखी होगी अगर पसंद आए तो माशा अल्लाह लिखे।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल फोटो को सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें यह तस्वीर एक ट्रैवल  वेबसाइट पर अपलोड हुई मिली। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, यह फोटो कर्नाटक  की जामा मस्जिद की है।  

इसी बुनियाद पर हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और हमें यह फोटो एजेंसी अलामी डॉट कॉम पर भी मिली। यहां भी दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर कर्नाटक  के गुलबर्गा में स्थित जामा मस्जिद है।

gulbargadiocese डॉट ओ आरजी नाम की वेबसाइट पर इस मस्जिद से जुड़ी जानकारी के मुताबिक, जामा मस्जिद गुलबर्गा भारत के कर्नाटक राज्य के गुलबर्गा शहर में स्थित मस्जिद है। जामा मस्जिद गुलबर्गा का निर्माण मुहम्मद शाह प्रथम (शासनकाल 1358-75) ने गुलबर्गा को बहमनी सल्तनत की राजधानी के रूप में मनाने के लिए करवाया था।

ये तस्वीर इससे पहले भी वायरल हो चुकी है और उस वक्त हमने दैनिक जागरण अयोध्‍या के ब्‍यूरो चीफ रमाशरण अवस्‍थी से संपर्क किया था। उन्‍होंने बताया था कि वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई यह तस्‍वीर अयोध्‍या के बाबरी मस्जिद की नहीं है।

भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि इस पेज के दस लाख से ज्यादा मेंबर हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह तस्वीर बाबरी मस्जिद की नहीं है, बल्कि यह फोटो कर्नाटक की जामा मस्जिद की है।

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Symbols that define nature of fake news
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