Fact Check: यह तस्वीर किसी धार्मिक किताब की नहीं है, वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है
विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की जांच की और पाया कि यह दावा फर्जी है। वायरल फोटो में दिख रही किताब न तो कुरान है और न ही कोई अन्य धार्मिक किताब, बल्कि यह एक डिक्शनरी है, जिसे कलाकार द्वारा क्रिस्टलाइज किया गया है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Oct 5, 2023 at 02:35 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक किताब की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर इस्लामिक ग्रन्थ कुरान की है, जो सालों से समुद्र की गहराई में थी, लेकिन अब भी इसकी लिखावट बरकरार है। जब हमने पोस्ट की जांच की तो दावा फर्जी निकला। वायरल फोटो में दिख रही किताब न तो कुरान है और न ही कोई अन्य धार्मिक ग्रन्थ,बल्कि यह एक डिक्शनरी है, जिसे एक आर्टिस्ट ने क्रिस्टलाइज किया था।
वायरल पोस्ट में क्या है?
एक फेसबुक यूजर ‘आते अंसारी‘ नाम के यूजर ने इस पोस्ट को ‘मुस्लिम शहजादियों का ग्रुप जॉइन करें’ नाम के पेज पर 24 सितंबर को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “यह कुरान गहरे समुद्र में पाया गया था। यह कई वर्षों तक पानी में रहा लेकिन बरकरार रहा। समुद्र में जहाज़ तबाह होने के कई सालों बाद कुरान शरीफ़ महफूज रही एक बार दिल से कुरान पाक के लिए माशा अल्लाह जरूर लिखे..!”
पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।
पड़ताल
अपनी पड़ताल शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल लेंस की मदद से खोजा। सर्च में हमें यह तस्वीर ‘स्टफ यू कैन्ट हैव’ नाम के ब्लॉग में मिली। यह ब्लॉग कलाकार कैथरीन मैकऑयर का है। तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के अनुसार, एक क्रिस्टलीकृत जर्मन-अंग्रेजी शब्दकोश है। इस क्रिस्टलाइज्ड डिक्शनरी को बनाने का फॉर्मूला भी वहीं इसी ब्लॉग में लिखा गया था।
विश्वास न्यूज़ ने ऐसी ही एक पोस्ट की पहले भी एक बार पड़ताल की थी। उस समय हमने पुष्टि के लिए कलाकार कैथरीन मेकओवर से ईमेल के माध्यम से संपर्क किया था और वायरल पोस्ट को उनके साथ साझा किया था। उन्होंने हमें बताया था, ‘हां, यह तस्वीर मेरे ब्लॉग से है, यह एक जर्मन-अमेरिकी शब्दकोश है, जिसे मैंने 20 मोल टेम्बोरॉक्स, एक सफाई एजेंट का उपयोग करके बनाया था।। मैं कपड़ा उद्योग और मेड मीडिया में काम करने वाली एक कलाकार हूं और यह मेरी कृतियों में से एक है। इसे करीब पांच साल पहले हमने बेच दिया था। इस फोटो को लेकर लोगों ने फर्जी कहानी बनाई है।”
फर्जी पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि ‘मुस्लिम शहजादियों का ग्रुप जॉइन करें ‘ पेज के 25 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की जांच की और पाया कि यह दावा फर्जी है। वायरल फोटो में दिख रही किताब न तो कुरान है और न ही कोई अन्य धार्मिक किताब, बल्कि यह एक डिक्शनरी है, जिसे कलाकार द्वारा क्रिस्टलाइज किया गया है।
- Claim Review : यह कुरान गहरे समुद्र में पाया गया था। यह कई वर्षों तक पानी में रहा लेकिन बरकरार रहा।
- Claimed By : Facebook User
- Fact Check : झूठ
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