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Fact Check: हिटलर के यातना शिविर से जुड़ी है ये तस्वीर, भ्रामक दावे से हो रही वायरल

ये तस्वीर द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ी हुई तो है, लेकिन शहीद सैनिकों की वेडिंग रिंग की नहीं है। इस तस्वीर को अमेरिकी सैनिकों ने नाजी जर्मनी द्वारा बनाए गए बुकनवाल्ड यातना शिविर के पास से बरामद किया था। इस शिविर में मुख्य रूप से राजनीतिक कैदी और यहूदियों को रखा गया था।

  • By: ameesh rai
  • Published: Oct 19, 2020 at 06:31 PM
  • Updated: Nov 5, 2020 at 11:45 AM

नई दिल्ली (Vishvas News): सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है। इस तस्वीर में अंगूठियों का ढेर दिख रहा है, जिसे द्वितीय विश्व में शहीद हुए जवानों की सगाई की अंगूठियां बताया जा रहा है। विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक पाया गया है। ये तस्वीर द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की है, हिटलर की नाजी सेना द्वारा स्थापित बुकनवाल्ड (बुचेनवाल्ड) यातना शिविर के पास की एक गुफा से मिली है। नाजी जर्मनी के इस यातना शिविर में मुख्य रूप से राजनीतिक कैदियों और यहूदियों को रखा गया और प्रताड़ित करके मारा गया।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को वॉट्सऐप चैटबॉट पर अंगूठियों के ढेर की एक तस्वीर मिली है। इस तस्वीर पर लिखा है, ‘द्वितीय विश्व युद्ध मे शहीद हुए जवानों की उंगलियों से हटाए गए सगाई की अंगूठी की तस्वीर। सोचिए, कितनी प्रेम कहानियां दफन हो गई। युद्ध कभी आसान नहीं होते। परिवार उजड़ जाते हैं…’

इस तस्वीर पर लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले चैटबॉट पर मिली इस तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। इस तस्वीर से जुड़े ढेरों परिणाम सामने आए। इसमें एक नतीजा हमें यूनाइटेड स्टेट्स होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूजियम (USHMM) की वेबसाइट पर मौजूद एक रिपोर्ट पर लेकर गया। यहां पर ‘वेडिंग रिंग्स’ टाइटल से इस फोटो को शेयर किया गया है। कैप्शन अंग्रेजी में है, जिसमें लिखा है- ‘कैदियों से ली गईं शादी की अंगूठियां। ये अंगूठियां अमेरिकी सैनिकों द्वारा मुक्ति दिलाने के बाद बुकनवाल्ड (बुचेनवाल्ड) यातना शिविर के पास पाई गई थीं। मई 1945, जर्मनी।’ इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

हमने बुकनवाल्ड यातना शिविर के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया। हमें USHMM की वेबसाइट पर ही इसके बारे में जानकारी मिली। इसके मुताबिक, नाजी जर्मनी ने इस यातना शिविर में मुख्य रूप से राजनीतिक कैदियों और यहूदियों को रखा। रिपोर्ट में बताया गया है कि फरवरी 1945 में इस यातना शिविर में कैदियों की संख्या 1 लाख 12 हजार तक पहुंच गई थी। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज को गेट्टी इमेजेज पर भी यही वायरल तस्वीर मिली। इसमें भी तस्वीर को लेकर जो जानकारी दी गई है, वो यूनाइटेड स्टेट्स होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूजियम की वेबसाइट पर दी गई जानकारी से मेल खाती है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज को अपने आगे की पड़ताल में यही तस्वीर The SUN की वेबसाइट पर मिली एक रिपोर्ट में मिली। फर्क इतना था कि यूनाइटेड स्टेट्स होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूजियम और गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर मिली तस्वीर ब्लैक एंड व्हाइट थी और ये कलरफुल। द सन की ये रिपोर्ट 8 सितंबर 2018 को प्रकाशित हुई है। ये रिपोर्ट नाजी जर्मनी में यहूदियों पर की गई यातना की तस्वीरों पर आधारित है।

वायरल तस्वीर पर ब्लैक एंड व्हाइट की बजाय कलरफुल है। द सन की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक फोटोग्राफर ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाजी जर्मनी में हुए नरसंहार की इन डरावनी तस्वीरों को कलर किया है। इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर भी मौजूद है और इसका कैप्शन यूनाइटेड स्टेट्स होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूजियम और गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर मिली तस्वीर के कैप्शन से मेल खाता है। रिपोर्ट में होलोकास्ट की तस्वीरों को रंगीन बनाने वाले फोटोग्राफर का नाम जोएल बेल्वीयर बताया गया है, जो स्पेन के रहने वाले हैं। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर विस्तार से देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने स्पेन के फोटोग्राफर जोएल बेल्वीयर से ईमेल के जरिए संपर्क किया। उनसे इस तस्वीर के बारे में पूछा गया। बेल्वीयर ने हमें जवाब में लिखा कि इस तस्वीर का सोर्स नेशनल आर्काइव्स एंड रिकॉर्ड्स एडमिनिस्ट्रेशन (NARA) है। उनके मुताबिक, इस तस्वीर को USHMM के लिए स्कैन किया गया और उन्होंने collections.ushmm.org वेबसाइट पर मौजूद एक लेख का लिंक भी दिया। यह लेख अंगूठियों की इसी वायरल तस्वीर पर आधारित है, जो एक बार फिर इस बात की पुष्टि करता है कि अमेरिकी फौज ने इसे बुकनवाल्ड यातना शिविर के पास ही बरामद किया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बुकनवाल्ड यातना शिविर के कैदियों की अंगूठी से सोना निकालने के लिए इन्हें इकट्ठा किया गया। अंगूठियों के अलावा यहां से घड़ियां, महंगे पत्थर, चश्मे और सोने के दांत तक मिले हैं। बेल्वीयर की तरफ से शेयर किए गए इस लिंक को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

निष्कर्ष: ये तस्वीर द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ी हुई तो है, लेकिन शहीद सैनिकों की वेडिंग रिंग की नहीं है। इस तस्वीर को अमेरिकी सैनिकों ने नाजी जर्मनी द्वारा बनाए गए बुकनवाल्ड यातना शिविर के पास से बरामद किया था। इस शिविर में मुख्य रूप से राजनीतिक कैदी और यहूदियों को रखा गया था।

  • Claim Review : इसे द्वितीय विश्व में शहीद हुए जवानों की सगाई की अंगूठियां बताया जा रहा है।
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