Fact Check: कटे हुए भैंसे का सिर ले जाते व्यक्ति की यह तस्वीर असम में 2017 में हुई नवमी दुर्गा पूजा की है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। यह तस्वीर 29 सितंबर 2017 को ली गई थी, जब नवमी दुर्गा पूजा महोत्सव के अवसर पर बिल्लेश्वर मंदिर में एक व्यक्ति बलि दिए गए भैंसे के सिर को अपने सिर पर उठाकर ले जा रहे थे।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। रतलाम के जावरा के मंदिर में मांस फेंके जाने की घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक मंदिर के पुजारी को अपने सिर पर एक भैंसे का सिर  रखे देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह हालिया घटना है, जहां “गाय का कटा हुआ सिर दो मुस्लिम लोगों ने मंदिर में फेंका था और मंदिर के पुजारी ने उसे इस तरह सिर पर रखकर  बाहर निकाला।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। यह तस्वीर 29 सितंबर 2017 को ली गई थी, जब नवमी दुर्गा पूजा महोत्सव के अवसर पर बिल्लेश्वर मंदिर में एक व्यक्ति बलि दिए गए भैंसे के सिर को अपने सिर पर उठाकर ले जा रहे थे।

क्या है वायरल पोस्ट में?

Bhartiya Bharat (Archive) नाम के फेसबुक यूजर ने एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें एक एक मंदिर के पुजारी को अपने सर पर एक भैंसे का सर रखे देखा जा सकता है, इस ट्वीट में यूजर ने लिखा बकरीद मुबरक । पोस्ट में दावा किया गया “गाय का कटा हुआ सिर दो मुस्लिम लोगों ने मंदिर में फेंक दिया, पुजारी जी को मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए ऐसा करना पड़ा और फिर देखिए कैसे ये इस्लामवादी इसका मजाक उड़ा रहे हैं….”

पड़ताल

इस तस्वीर की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर फोटो एजेंसी गेट्टी इमेज पर मिली। साथ में डिस्क्रिप्शन लिखा था, “29 सितंबर 2017, बेलसोर, असम। भारत के असम में गुवाहाटी के बाहरी इलाके बेलसोर में नवमी दुर्गा पूजा महोत्सव के अवसर पर हिंदू देवी दुर्गा के बिल्लेश्वर देवालय मंदिर में एक व्यक्ति ने सिर पर बलि दी गई भैंस का सिर रखा हुआ है।” यहाँ इस तस्वीर का क्रेडिट फोटो जर्नलिस्ट डेविड तालुकदार को दिया गया है।

 इस मामले में हमने इस तस्वीर को क्लिक करने वाले फोटोजर्नलिस्ट डेविड तालुकदार से संपर्क साधा। हमसे बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने यह तस्वीर असम के नलबाड़ी जिले में 2017 में ली थी। वहां नवरात्रि के दौरान पशु बलि की परंपरा है। गेट्टी  इमेजेज में लिखा कैप्शन सही है। वायरल दावा बिल्कुल गलत है।”

कीवर्ड सर्च करने पर हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की 2017 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें कहा गया था कि 500 साल पुराने बिल्लेश्वर देवालय में भैंसा की बलि एक सदियों पुरानी परंपरा है और पशु वध पर प्रतिबंध के बावजूद बलि के लिए भैंसों की बुकिंग करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है।  

आपको बताते चलें कि मध्य प्रदेश में रतलाम जिले के जावरा स्थित एक मंदिर में बछड़े का सिर मिलने के बाद से लोगों में तनाव फैल गया, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुए। इसे लेकर कई गिरफ्तारियां भी हुईं और पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले भी दागे गए। रतलाम में हुए मामले को लेकर ज़्यादा जानकारी इन ख़बरों में पढ़ी जा सकती है।

पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। इसके मुताबिक, यूजर Bhartiya Bharat मुंबई के रहने वाले हैं और फ़िलहाल जर्मनी में रहते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। यह तस्वीर 29 सितंबर 2017 को ली गई थी, जब नवमी दुर्गा पूजा महोत्सव के अवसर पर बिल्लेश्वर मंदिर में एक व्यक्ति बलि दिए गए भैंसे के सिर को अपने सिर पर उठाकर ले जा रहे थे।

False
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