Fact Check: आठ अप्रैल को हुए सूर्य ग्रहण की नहीं है यह तस्वीर, AI इमेज वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की विस्तार से जांच की। अलग-अलग टूल्स का इस्तेमाल किया। इसके अलावा एक्‍सपर्ट की भी मदद ली गई। पड़ताल में पता चला कि सूर्य ग्रहण के नाम पर एआई तस्वीर को वायरल करके झूठ फैलाया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्वास न्यूज)। अमेरिका, कनाडा समेत कुछ देशों में 8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण नजर आया और उसी के बाद से एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर इस तस्‍वीर को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि यह 2024 के सूर्य ग्रहण की तस्‍वीर है। इस तस्वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे आगे फॉरवर्ड कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि 8 अप्रैल को हुए सूर्य ग्रहण के  नाम पर फैलाई जा रही यह तस्वीर असली नहीं है, बल्कि इसे एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये तैयार किया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”amaziingastronomy Probably the best photo of total solar eclipse 2024”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

सोशल मीडिया पर अक्सर असली समझते हुए एआई जेनरेटेड तस्वीरें वायरल हो जाती हैं, इसी बुनियाद पर हमने एआई तस्वीर की पहचान करने वाले टूल ‘हाइव मॉडरेशन’ पर वायरल फोटो को अपलोड किया। जांच में इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 99.9% बताई गई है।

वहीं, एक दूसरे एआई तस्वीर की पहचान करने वाले टूल इज़ इट एआई डॉट कॉम पर भी हमने इस तस्वीर को अपलोड किया और यहां मिले नतीजे के मुताबिक, यह फोटो 94.16% एआई के जरिये बनी हुई है।

इस तस्वीर को हमने एआई एक्सपर्ट चातक वाजपेई के साथ साझा किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि एआई जेनरेटेड इमेज है।

सूर्य ग्रहण की एक एडिटेड तस्वीर को भी शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे थे कि यह पुर्तगाल में दिखाई दिए सूर्य ग्रहण की है,जबकि विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर स्पेन की है और उसे एडिट कर सूरज की तस्वीर को जोड़ा गया है। फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को एक हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की विस्तार से जांच की। अलग-अलग टूल्स का इस्तेमाल किया। इसके अलावा एक्‍सपर्ट की भी मदद ली गई। पड़ताल में पता चला कि सूर्य ग्रहण के नाम पर एआई तस्वीर को वायरल करके झूठ फैलाया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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