Fact Check: बहराइच हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्र की नहीं है यह तस्वीर
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत ही। तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति राम गोपाल मिश्र नहीं, बल्कि एक पत्रकार राघवेंद्र शुक्ला हैं। राघवेंद्र ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि तस्वीर उनकी है और वह जीवित और स्वस्थ हैं।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Oct 22, 2024 at 03:18 PM
- Updated: Oct 23, 2024 at 11:49 AM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई हिंसा में राम गोपाल मिश्र नामक एक युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद अब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक युवक के गले में फूलों की माला देखी जा सकती है। यूजर इस तस्वीर को शेयर कर इसे राम गोपाल मिश्र का बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत ही। तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति राम गोपाल मिश्र नहीं, बल्कि एक पत्रकार राघवेंद्र शुक्ला हैं। राघवेंद्र ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि तस्वीर उनकी है और वह जीवित और स्वस्थ हैं।
क्या है वायरल पोस्ट
फेसबुक यूजर Rajeev Tewary (Archive) ने वाल्मीकि समुदाय नाम के फेसबुक ग्रुप पे इस तस्वीर को शेयर किया जिसके ऊपर लिखा था “हुतात्म श्री राम गोपाल मिश्र।” पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन लिखा गया “देवी मां पर पत्थर बरसे ये वो सहन न कर पाया, उसने देखा उस छत पर जिहादी झंडा था फहराया
दौड़ गया रगों में उसकी मंगल पांडे का वो साया, झंडे का रंग बदलने को तड़प उठी उसकी काया, बिजली की गति से वीर मिश्र चढ़ा जिहादी की छत पर, हटाया आतंकी कपड़ा लहराया भगवा उस छत पर, पर घेर लिया एक अकेले को नामर्दों के झुंडों ने, चौबीस गोलियां सीने में दागी इन इस्लामी गुंडों ने, अमर हो गया एक और धर्म की रक्षा करते करते, जोश जगाया सोये हिंदू में दीवाने ने मरते मरते, वीर हकीकत बंदा बैरागी सम प्रणाम निवेदित करता हूं, रामगोपाल तेरी कुर्बानी अपनी कलम से लिखता हूं.”
पड़ताल
वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर Raghavendra Shukla नाम के एक फेसबुक यूजर की एक पोस्ट में मिली। यहां उन्होंने बताया था, “श्रद्धांजलि देने की ऐसी जल्दी भी न हो कि श्रद्धा पात्र को पहचानने भर का ही समय न रहे। किसी ने बहराइच वाले राम गोपाल मिश्र को लेकर कविता लिखी, लेकिन उनकी फोटो नहीं पहचान पाए। एनबीटी के ऑथर पेज से मेरी फोटो उठाकर कविता के साथ लगा दी। अभिषेक ने इसका स्क्रीनशॉट भेजा तो लगा कि दो-एक लोगों ने गलती से फोटो लगाई होंगी, जिसका कारण भी समझ आता है। फिर थोड़ी पड़ताल की तो पता लगा कि यहां तो कुएं में ही भांग पड़ी है। फेसबुक से लेकर ट्विटर (एक्स) तक तमाम लोगों ने राम गोपाल मिश्रा की जगह मेरी ये फोटो लगा रखी है। भला हो कि इसके नीचे नाम लिख रखा था। वरना फोटो तो ये डरावनी है। (कविता (?) भी निहायती भड़काऊ किस्म की लिखी है।) बताना ये है कि ये फोटो रामगोपाल मिश्रा की नहीं है। मेरी है और मैं अभी हूं। यार-दोस्त लोगों ने कन्फर्म कर लिया है। हम भी कन्फर्म किए दे रहे हैं। किसी को कहीं भी ऐसी पोस्ट में ये फोटो दिखे तो कृपया सादर उन्हें बताएं कि वो सही फोटो लगाएं।”
इसके बाद हमने Raghavendra Shukla को लेकर कीवर्ड सर्च किया तो हमें उनकी यह तस्वीर नवभारत टाइम्स के ऑथर पेज पर मिली। यहां मौजूद जानकारी के अनुसार, वे सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं।
हमने इस विषय में बहराइच में दैनिक जागरण के प्रभारी मुकेश पांडेय से भी बात की, जिन्होंने कन्फर्म किया कि यह तस्वीर रामगोपाल मिश्र की नहीं है।
राम गोपाल मिश्र और राघवेंद्र शुक्ला के नाक-नक्श में अंतर नीचे दिए गए कोलाज में देखा जा सकता है।
फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। धनबाद के रहने वाले यूजर Rajeev Tewary ने अपनी ज्यादातर जानकारी हाइड कर रखी है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत ही। तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति राम गोपाल मिश्र नहीं, बल्कि एक पत्रकार राघवेंद्र शुक्ला हैं। राघवेंद्र ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि तस्वीर उनकी है और वह जीवित और स्वस्थ हैं।
- Claim Review : बहराइच हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्र की तस्वीर
- Claimed By : Facebook User Rajeev Tewary
- Fact Check : झूठ
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