नई दिल्ली विश्वास न्यूज। सोशल मीडिया पर आजकल एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें चद्दर में लिपटे एक नर कंकाल को सोफे पर पड़ा देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर मुंबई की है जहां एक महिला की लाश घर में 10 महीने से पड़ी हुई थी और उसके बेटे के 10 महीने बाद अमेरिका से वापस आने पर उसे महिला की लाश मिली। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा तो सही है मगर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहे फोटो का इससे कोई संबंध नहीं है। वायरल फोटो मुंबई का नहीं, बल्कि नाइजीरिया का है।
CLAIM
वायरल पोस्ट में एक नर कंकाल की तस्वीर देखी जा सकती है। तस्वीर में नर कंकाल एक चद्दर में लिपटा हुआ सोफे पर पड़ा है। पोस्ट के साथ दावे में लिखा है “#जरूर_पढ़ें। यह मुम्बई की करोड़पति स्त्री का शव है। एक करोड़पति NRI पुत्र की माँ की लाश है। लगभग 10 माह से 7 करोड़ के फ़्लैट में मरी पड़ी थी। अमेरिका में रहने वाले इंजीनियर ऋतुराज साहनी लंबे अरसे बाद अपने घर मुंबई लौटे, तो घर पर उनका सामना किसी जीवित परिजन की जगह अपनी मां के कंकाल से हुआ। बेटे को नहीं मालूम कि उसकी मां आशा साहनी की मौत कब और किन परिस्थितियों में हुई। …..”
FACT CHECK
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। ढूंढ़ने पर हमारे सामने www.nigerianmonitor.com नाम की एक वेबसाइट का लिंक खुला। खबर के मुताबिक, ये तस्वीर नाइजीरिया की है जहां एक चर्च के पादरी के घर से ये नर कंकाल मिला था। खबर के मुताबिक, नर कंकाल पादरी की बहन का था। इस खबर को 2016 में पब्लिश किया गया था।
हमें यह खबर www.tori.ng नाम की वेबसाइट पर भी मिली।
अब हमें पता करना था कि वायरल हो रहे दावे में कितनी सच्चाई है। हमने सही कीवर्ड्स के साथ ढूंढ तो हमारे सामने jagran.com की एक खबर लगी। 7 अगस्त 2017 को फाइल इस खबर के अनुसार, मुंबई के लोखंडवाला इलाके में वेल्सकॉड टावर की दसवीं मंजिल पर स्थित एक बंद फ्लैट में यह लाश मिली थी। महिला का नाम आशा साहनी ही था और उसके बेटे ऋतुराज साहनी ने 10 महीने बाद अमेरिका से वापस आने पर अपनी मां की लाश देखी थी।
पुष्टि के लिए हमने ओशिवारा थाने के SHO राघव विनायक से बात की। उन्होंने हमें बताया, “ये घटना 2017 की है जब वेल्सकॉड टावर की दसवीं मंजिल पर स्थित एक बंद फ्लैट में आशा साहनी की लाश मिली थी। इस इमारत की दसवीं मंजिल पर दोनों फ्लैट साहनी परिवार के ही थे, जिस कारण लोगों को लाश के सड़ने की बदबू नहीं आई। साथ ही, उस कमरे की खिड़कियां खुली हुई थी जिस कारण बदबू बाहर नहीं आई थी। वायरल दावा तो सही है मगर तस्वीर इस घटना से जुड़ी हुई नहीं है। आशा साहनी की लाश उनके बेड पर मिली थी, सोफे पर नहीं।”
इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है रोहित चौहान नाम का फेसबुक प्रोफाइल। इस प्रोफाइल के अनुसार, यूजर दिल्ली का रहने वाला है।
निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा तो सही है मगर इस दावे के साथ शेयर किये जा रहे फोटो का इससे कोई संबंध नहीं है। वायरल फोटो मुंबई का नहीं, बल्कि नाइजीरिया का है।
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