Fact Check: सीरिया में साल 2013 में हुई घटना की तस्वीर तमिलनाडु में बच्चों के अंग चुराने के नाम पर वायरल

तमिलनाडु से बच्चों की लाशों का कंटेनर मिलने की बात में सच्चाई नहीं है। वायरल वीडियो सीरिया में साल 2013 में हुए रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों का है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। विश्वास न्यूज को वॉट्सऐप चैटबॉट नंबर 9599299372 पर एक पोस्ट को फैक्ट चेक करने की रिक्वेस्ट मिली। इस पोस्ट में एक वीडियो है, जिसमें जमीन पर बच्चों की बॉडी नजर आती हैं और वॉइस ओवर में एक व्यक्ति कहता हुआ सुनाई देता है कि तमिलनाडु पुलिस ने बच्चों के शवों से भरा एक कंटेनर जब्त किया है, इन बच्चों के अंग भी निकाल लिए गए हैं।

विश्वास न्यूज ने पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि इस पोस्ट के साथ किया गया दावा फर्जी है। यह तस्वीर साल 2013 में सीरिया के घोउता में हुए रासायनिक हमले के दौरान मारे गए बच्चों की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप चैटबॉट पर यह वीडियो मिला, जिसके वॉयसओवर में एक व्यक्ति कहता सुनाई देता हैः तमिलनाडु पुलिस को एक कंटेनर से इन बच्चों की लाशें मिलीं, इन बच्चों के जिस्म के अंदर का हिस्सा जैसे किडनी लिवर निकाला गया है। तमिलनाडु पुलिस ने बताया कि इन सभी बच्चों को अलग-अलग देशों से किडनैप करके लाया गया था।

यह पोस्ट ट्विटर पर भी शेयर की गई है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले वायरल वीडियो से इनविड टूल की मदद से कीफ्रेम्स काटे और इन्हें गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें बंगलोर मिरर की एक रिपोर्ट जिसमें यह बताया गया था कि वायरल वीडियो सीरिया के घोउता में 21 अगस्त 2013 को हुए रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों का है।

इसके बाद हमने इंटरनेट पर सीरिया के इस रासायनिक हमले के बारे में सर्च किया तो हमें ऐसी बहुत सारी मीडिया रिपोर्टस मिलीं, जिससे इस हमले की पुष्टि होती है। इन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यूएस गवर्नमेंट के शुरुआती एक्सेसमेंट के अनुसार, इस हमले में करीब 426 बच्चों की मौत हुई थी, जबकि सीरिया में मेन अपोजिशन गठबंधन ने कहा था कि कुल 1300 से ज्यादा लोगों की इस हमले में जान गई है।

हमने तमिलनाडु पुलिस के एआईजी लॉ एंड ऑर्डर आर तिरुनावुक्करासु से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो और दावे का तमिलनाडु से कोई संबंध नहीं है। तमिलनाडु में इस तरह की कोई घटना रिपोर्ट नहीं हुई है।

इस पोस्ट को साझा करने वाले टिवटर यूजर अभिषेक प्रताप सिंह के प्रोफाइल को जब हमने स्कैन किया तो पाया कि यूजर ने यह अकाउंट जनवरी 2021 में ही बनाया है।

निष्कर्ष: तमिलनाडु से बच्चों की लाशों का कंटेनर मिलने की बात में सच्चाई नहीं है। वायरल वीडियो सीरिया में साल 2013 में हुए रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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