Fact Check: इस लड़के की यह हालत पब जी गेम के एडिक्शन से नहीं हुई, वायरल दावा है भ्रामक

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक लड़के का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़के को आसमान की ओर देखते हुए और हाथों को अजीब तरह से घुमाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि लड़के की हालत पबजी गेम की लत के कारण ऐसी है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर াঠক ने 10 अप्रैल को एक वीडियो पोस्ट किया और बंगाली में लिखा: PUBg লা া িশুৰ ি হল াওঁক । ।।।। িয়েই িশুক মোবাল িয়া ন্ধ , নলে নিও নেকুৱা িন িবলি াব ..

अनुवाद: देखिए क्या हुआ PUBG खेलने वाले लड़के के साथ। …आज ही बच्चों को मोबाइल फोन देना बंद कर दें, नहीं तो भविष्य में ऐसे दिन देखने पड़ेंगे

पोस्ट और उसके आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल:

Vishvas News ने InVid टूल में वीडियो अपलोड करके वीडियो के की-फ्रेम्स की जांच की। विश्वास न्यूज को 8 अप्रैल, 2022 को प्रकाशित ईटीवीभारत पर एक खबर मिली। खबर के अनुसार, लड़के को कोई लत नहीं थी, बल्कि वह जानबूझकर ऐसा कर रहा था।

हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर भी इस मामले में एक खबर मिली। खबर की हेडलाइन थी- वीडियो में दिख रहे लड़के को नहीं है ‘PUBG की लत’ , डॉक्टरों ने किया कन्फर्म। लेख 8 अप्रैल, 2022 को प्रकाशित हुआ था। खबर के अनुसार, यह लड़का जानबूझकर ऐसी हरकत कर रहा था और उसे कोई लत नहीं है।

इस खबर में तिरुनेलवेली एमसीएच हॉस्पिटल के डीन डॉ. एम रविचंद्रन का भी स्पष्टीकरण था। इस लड़के को इसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

जांच के अगले चरण में, हमने द हिंदू के एक वरिष्ठ पत्रकार पी सुधाकर से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि यह मामला एक सप्ताह पहले का है। “लड़के को शुरू में तिरुनेलवेली एमसीएच में भर्ती कराया गया था, माता-पिता निदान से नाखुश थे, फिर उसे एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया। डॉक्टरों ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यह पबजी की लत का मामला नहीं था, बल्कि दुर्भावनापूर्ण या हिस्टिरिकल ऐंठन प्रतिक्रिया का मामला था। लड़का जानबूझकर ऐसी हरकत कर रहा था।”

जांच के अंतिम चरण में विश्वास न्यूज ने फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की, াঠক (आचार्य पंकज पाठक) संजीवनी हर्ब्स, गुवाहाटी में प्रबंध निदेशक हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में इस दावे को फर्जी पाया।

False
Symbols that define nature of fake news
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