उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के मलकपुरा ग्राम पंचायत में वहां के प्रधान की तरफ से एक स्कूल में जन सहयोग की मदद से महीने में दो से चार बार भोजन की विशेष थाली का प्रबंध किया जाता है और इसी तस्वीर को यूपी के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के तहत मिलने वाले नियमित भोजन का बताकर शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर जालौन के उच्च प्राथमिक विद्यालय की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक छात्र को भोजन की थाली के साथ देखा जा सकता है। भोजन की थाली पूरी, पनीर की सब्जी, फल, आइसक्रीम कई अलग-अलग तरह के व्यंजनों से भरी पड़ी है। दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार में मध्याह्न भोजन योजना यानी मिड डे मील के तहत सरकारी विद्यालयों में ऐसी भोजन की थाली परोसी जा रही है।
हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही तस्वीर जालौन जिले के मलकपुरा ग्राम पंचायत की है और इस पंचायत के ग्राम प्रधान (सरपंच) की पहल से महीने में कुछ दिन ऐसी थाली बच्चों को परोसी जाती है। यह नियमित मध्याह्न भोजन की थाली नहीं है, बल्कि लोगों के सहयोग से महीने में दो से चार बार ऐसी थाली बच्चों को परोसी जाती है।
सोशल मीडिया यूजर ‘चौहान आलोक’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”मेरा प्रदेश बदल रहा है…मेरा देश बदल रहा है…भूख से जब पेट की अंतड़िया सूख रही हों तो ऐसे में क्षुधा शांत करने वाली #मिडडेमील की बाबा वाली सुपर डिलक्स थाली के क्या कहने….मीनू: भोजन में- पूड़ी, मटर पनीर की सब्जी, सलाद 🍛😋फल: सेब 🍎😋पौष्टिक पेय: एक गिलास दूध🥛😋..स्टार्टर: कोन वाली आइसक्रीम 🍦😋(स्कूल में Freezer भी होगा) Love You Baba Ji ❤️ 🤔Cost: मात्र 4 रु 97 पैसे मय इंधन 🧐 Narendra Modi Aditynath yogi Akhilesh Yadav केजू सड़ जी देख लीजिए हमारे प्राइमरी स्कूल तो यूनिवर्स लेवल के हैं… Arvind Kejriwal.”
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में परोसे जाने वाले मिड डे मील बताते हुए शेयर किया है।
15 अगस्त 1995 से देश में मध्याह्न भोजन योजना लागू की गई थी, जिसमें शुरुआती दिनों में विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को गेहूं और चावल देने की व्यवस्था की गई थी। ऐसा होने की वजह से खाद्यान्न छात्रों को न मिलकर उनके परिवार में बंट जाता था और उन्हें पोषण नहीं मिल पाता था। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, एक सितंबर 2004 से विद्यालयों में पके हुए भोजन को उपलब्ध कराए जाने की योजना की शुरुआत की गई।
वायरल तस्वीर में एक बच्चा हाथ में भोजन की थाली लिए हुए नजर आ रहा है, जिसके बैकग्राउंड में उच्च प्राथमिक विद्यालय मलकपुरा लिखा हुआ है। थाली में पूड़ी, मिल्क शेक, सेब, पनीर की सब्जी, खीरा और आइसक्रीम नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट upmdm.org पर मिड डे मील योजना की साप्ताहिक मेन्यू के बारे में जानकारी दी गई है और इसके तहत सोमवार से शनिवार के बीच परोसे जाने वाले व्यंजनों की सूची वायरल हो रही तस्वीर की सूची से मेल नहीं खाती है।
स्पष्ट है कि खाने की जो थाली नजर आ रही है, वह उत्तर प्रदेश में मध्याह्न भोजन योजना के तहत परोसे जाने वाली नियमित थाली नहीं है। न्यूज सर्च में हमें कुछ आर्टिकल के लिंक मिले, जिसमें वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जालौन के मलकपुरा उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिड डे मील मेन्यू के अलावा छात्रों को पनीर, पूड़ी, सब्जी, छोले, रसगुल्ले, मिठाई, खीर, आइसक्रीम और फल जैसी तमाम सारी चीजें थाली में परोसी जाती हैं। स्कूल में बच्चों की थाली में भोजन की फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। वहीं, लोग स्कूल प्रबंधन के साथ ग्राम प्रधान की जमकर तारीफ कर रहे हैं।’
रिपोर्ट में मलकपुरा के प्रधान अमित का जिक्र किया गया है, जो प्रधान बनने के बाद गांव की सूरत बदलने की कोशिशों में लगे हुए हैं। सोशल मीडिया सर्च में ‘Amit’ के नाम से बना फेसबुक प्रोफाइल (आर्काइव लिंक)मिला, जिससे वायरल तस्वीर समेत दो अन्य तस्वीरों को साझा किया गया है।
अमित की प्रोफाइल में दी गई जानकारी के मुताबिक, वह जालौन के मलकपुरा ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान (सरपंच) हैं। फेसबुक पोस्ट में उन्होंने इस भोजन के आयोजन के लिए सौरभ शुक्ला का धन्यवाद दिया है, जो कानपुर के केनरा बैंक में प्रबंधक के पद पर तैनात हैं।
उन्होंने समान तस्वीरों को अपनी ट्विटर प्रोफाइल से भी साझा किया है।
अमित ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए वायरल तस्वीर को लेकर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने लिखा है, ‘कल दोपहर से ग्राम-पंचायत मलकपुरा के स्कूल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल है। ये तस्वीरें #तिथिभोजन के तहत बच्चों को दिए गए भोजन की हैं। ये व्यवस्था हमारी ग्राम पंचायत में जुलाई-22 से चल रही है, जबकि इससे पहले शुरू की गई ऐड ऑन MDM की व्यवस्था 14 फरबरी-22 से जारी है। कई बार लोग जिज्ञासावश विद्यालय में आते हैं, इसीलिए ऐड ऑन MDM व्यवस्था का नोटिस भी विद्यालय में लगाया गया है। (कोई कहे कि आज ही स्पेशल कराइए तो ऐसा नहीं किया जा सकता। सब एक व्यवस्था के तहत होता है।)’
इस पोस्ट (आर्काइव लिंक) में भी उन्होंने इस प्रयास के लिए सभी के सहयोग (जन भागीदारी) के प्रति आभार जताया है। विश्वास न्यूज ने फेसबुक यूजर अमित से संपर्क किया और उनसे फोन पर बातचीत की।
उन्होंने बताया कि यह तस्वीर उन्हीं के पंचायत की है और उन्हीं की पहल पर बच्चों को महीने में दो से चार बार इस तरह का भोजन उपलब्ध कराया जाता है और यह अलग-अलग लोगों के निजी सहयोग से संभव हो पाता है। अमित ने कहा, ‘मध्याह्न भोजन योजना में यह किया गया ऐड ऑन है, जो लोगों के सहयोग से संपन्न होता है और हम महीने में दो से चार बार ऐसा कर पाते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘जो तस्वीर वायरल हो रही है, उस भोजन का आयोजन सौरभ शुक्ला के सहयोग से हुआ, जो कानपुर में केनरा बैंक की एक शाखा में प्रबंधक के पद पर तैनात हैं। सहयोग राशि से ही यह आयोजन संभव हो पाता है।’ अमित ने बताया कि यह मध्याह्न भोजन का मेन्यू नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह के पहल आस-पास के अन्य जिलों में भी हो रही है, तो अमित ने कहा- ‘यह पहल फिलहाल उन्हीं के पंचायत क्षेत्र के स्कूल में चल रही है।’
वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने फेसबुक पर स्वयं को आजमगढ़ का निवासी बताया है और इस प्रोफाइल से कई फर्जी और भ्रामक दावों को शेयर किया गया है।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के दौरान परोसे जाने वाले व्यंजनों की थाली के साथ वायरल हो रही तस्वीर भ्रामक है। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के मलकपुरा ग्राम पंचायत में वहां के प्रधान की तरफ से एक स्कूल में जन सहयोग की मदद से महीने में दो से चार बार भोजन की विशेष थाली का प्रबंध किया जाता है और इसी तस्वीर को यूपी के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के तहत मिलने वाले नियमित भोजन का बताकर शेयर किया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।