Fact Check: पैदल पलायन कर रहे लोगों की इस तस्वीर का बंगाल से नहीं है संबंध

हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल तस्वीर ताजा नहीं, बल्कि एक साल पुरानी है और यह तस्वीर दिल्ली—यूपी बॉर्डर के आसपास की है, न कि बंगाल या असम की।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसक घटनाओं से डरे हुए सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवार समेत बंगाल से भागकर असम जाने की खबरें मीडिया में आ रही हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें कुछ लोग कंधे पर बैग लेकर पैदल जाते हुए देखे जा सकते हैं। वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि तस्वीर बंगाल से असम के लिए पलायन कर रहे हिंदुओं की है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया गया दावा भ्रामक है।

दरअसल वायरल तस्वीर पिछले साल दिल्ली—यूपी बॉर्डर के पास यूपी गेट के करीब क्लिक की गई थी जब लॉकडाउन के चलते मजदूरों ने पैदल ही पलायन शुरू कर दिया था। इस तस्वीर का बंगाल से असम जा रहे लोगों से कोई संबंध नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर यूजर राजेश “हिंदुस्थानी” ने यह तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा: जिसको जानकारी नहीं है बंगाल की ग्राउंड रिपोर्ट बता देता हूँ, वहाँ से हिंदुओं ने आसाम के लिए पलायन शुरू कर दिया है, कश्मीर देखने का मौक़ा नहीं मिला, बंगाल देख लो !Disappointed but relieved facePouting face #CruelMamata #MamataBanarjee #बंगालहिंसा #ममताबनर्जीहत्याएंबंद_करो

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर को सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें यह तस्वीर कई आर्टिकल्स में मिली। हालांकि, एक आर्टिकल में इस तस्वीर का क्रेडिट विकास चौधरी को दिया गया था। 21 मई 2020 को पब्लिश हुए इस आर्टिकल में इस तस्वीर को कैप्शन दिया गया था कि तस्वीर लॉकडाउन दिल्ली के एक फ्लाईओवर से गुजरते प्रवासियों की है।

हमने DownToEarth वेबसाइट के फोटो जर्नलिस्ट विकास चौधरी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने यह तस्वीर दिल्ली—यूपी नेशनल हाईवे नंबर 24 पर यूपी गेट के पास क्लिक की थी। यह तस्वीर तब की है, जब पिछले साल लॉकडाउन के समय कई प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पैदल ही पलायन के लिए निकल पड़े थे। उन्होंने साफ किया कि इस तस्वीर का बंगाल या असम से कुछ लेना-देना नहीं है।

हमें बंगाल से असम पलायन कर रहे सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ताओं से संबंधित भी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें असम के मिनिस्टर हिमानता बिसवा सरमा ने दावा किया है कि करीब 300 से 400 बीजेपी कार्यकर्ता परिवार समेत बंगाल से भागकर असम आ गए हैं।

अब बारी थी ट्विटर पर पोस्ट को साझा करने वाली यूजर राजेश “हिंदुस्थानी” की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि खबर लिखे जाने तक यूजर के 1133 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल तस्वीर ताजा नहीं, बल्कि एक साल पुरानी है और यह तस्वीर दिल्ली—यूपी बॉर्डर के आसपास की है, न कि बंगाल या असम की।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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