हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सामान्य व्यक्ति की तरह हाथ में झोला उठाए यात्रा पर निकल पड़े मनोहर लाल खट्टर की तस्वीर के नाम पर वायरल फोटो खट्ट्रर की नहीं है। साथ ही पोस्ट में किया गया यह दावा गलत है कि खट्टर ने अपनी पूरी संपत्ति को प्रधानमंत्री राहत कोष को दान कर दिया है। हालांकि, यह दावा सही है कि उन्होंने अपने पैतृक आवास को बच्चों के लिए ई-लाइब्रेरी बनाए जाने की खातिर दान कर दिया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद से मनोहर लाल खट्टर का इस्तीफा दिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में एक व्यक्ति को सामान्य व्यक्ति की तरह हाथ और कांधे में झोला लिए हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद खट्टर सामान्य व्यक्ति की तरह अपना जीवन जी रहे हैं। साथ ही दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अपनी संपूर्ण संपत्ति प्रधानमंत्री राहत कोष को समर्पित कर दिया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे भ्रामक पाया। वायरल हो रही तस्वीर में नजर आ रहे व्यक्ति मनोहर लाल खट्टर नहीं है। साथ ही पोस्ट में किया गया यह दावा गलत है कि उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति प्रधानमंत्री राहत कोष को दान कर दी है। हालांकि, यह दावा सही है कि वे रोहतक जिले के बनियानी स्थित अपनी पैतृक संपत्ति को बच्चों के लिए ई-लाइब्रेरी का निर्माण किए जाने के उद्देश्य से दान कर चुके हैं।
सोशल मीडिया यूजर ‘Ajay Sharma’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “*संघ सरिता बह रही है…*
*त्यागी गाथा कह रही है…* *हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री* *राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ के स्वयसेवक* *आदरणीय खट्टर जी* ने अपनी सम्पूर्ण संपत्ति प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में और अपना निजी आवास सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए दान करके आजादी के बाद रच दिया इतिहास। *संघ वाले कहीं भी अपने लिए नहीं रखते…* आज खट्टर जी बस स्टैंड की ओर चल दिये ऐसे ही मोदीजी भी किसी दिन झोला लेकर नजर आएंगे.!!! ईमानदार वो मनका होते है जो हज़ारो पत्थरो में अलग चमकते है। विधान सभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया, संगठन का काम करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपने को समर्पित किया। भौतिकवादी घोर कलयुग में मुझे याद नहीं आ रहा कि इस प्रकार का आदर्श किसी दूसरे राजनेता ने प्रस्तुत किया हो।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में तस्वीर के साथ दो अलग-अलग दावे किए गए हैं। पहला दावा खट्टर के अपनी पूरी संपत्ति को प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिए जाने का है, वहीं दूसरा दावा अपना निजी आवास सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए दान कर देने का है।
सबसे पहले हमनी तस्वीर की जांच की। रिवर्स इमेज सर्च में हमें यह तस्वीर कई सोशल मीडिया यूजर्स की प्रोफाइल पर लगी मिली, जिसे कई साल पहले शेयर किया गया है।
एक्स यूजर ने इस तस्वीर को 22 सितंबर 2020 को अपनी प्रोफाइल से शेयर करते हुए कृषि आंदोलन के संदर्भ में खट्टर पर व्यंग्य किया है।
वहीं, एक अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को व्यंग्यात्मक संदर्भ में 2019 में अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है। यानी ये तस्वीरें खट्टर के इस्तीफे के बाद की नहीं है। गौरतलब है कि खट्टर ने 12 मार्च 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस तस्वीर की तुलना हमने खट्टर की तस्वीर के साथ की और हमारी जांच से स्पष्ट है कि यह तस्वीर उनकी नहीं है। manoharlalkhattar.in की वेबसाइट पर खट्टर की कई तस्वीरें हैं, जिसे देखने पर स्पष्ट हो जाता है कि वायरल तस्वीर उनकी नहीं है।
इसके बाद हमने पोस्ट में किए गए अन्य दावों की पड़ताल की। पहला दावा खट्टर के अपनी पूरी संपत्ति को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष को दान कर दिए जाने से संबंधित है।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट्स नहीं मिली, जिसमें इसका जिक्र हो। अगर ऐसा होता, तो यह अपने आप में बड़ी खबर होती। सर्च में हमें दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें हरियाणा के विधायक गोपाल कांडा के हवाले से इस बात का जिक्र है कि खट्टर ने अपनी मृत्यु के बाद पूरी संपत्ति प्रधानमंत्री राहत कोष को दान कर देने की इच्छा जताई है।
यानी खट्टर ने अपनी पूरी संपत्ति प्रधानमंत्री राहत कोष को दान नहीं किया है। मायनेता.इन्फो वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, खट्टर, करनाल से विधायक हैं और 2019 में दिए गए चुनावी हलफनामे के मुताबिक खट्टर की कुल संपत्ति (चल और अचल) करीब एक करोड़ रुपये से अधिक है।
दूसरा दावा यह है कि उन्होंने अपना निजी आवास सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए दान कर दिया। न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इसका जिक्र है।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, खट्टर ने जनवरी महीने में रोहतक स्थित बनियानी के अपने पैतृक आवास को बच्चों के लिई ई-लाइब्रेरी बनाए जाने की खातिर स्थानीय अधिकारियों को सौंप दिया था।
वायरल पोस्ट को लेकर हमने हरियाणा बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता और खट्टर के पूर्व ओएसडी जवाहर यादव से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “वायरल पोस्ट में नजर आ रहे व्यक्ति मनोहर लाल खट्टर नहीं हैं।”
वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सामान्य व्यक्ति की तरह हाथ में झोला उठाए यात्रा पर निकल पड़े मनोहर लाल खट्टर की तस्वीर के नाम पर वायरल फोटो खट्ट्रर की नहीं है। साथ ही पोस्ट में किया गया यह दावा गलत है कि खट्टर ने अपनी पूरी संपत्ति को प्रधानमंत्री राहत कोष को दान कर दिया है। हालांकि, यह दावा सही है कि उन्होंने अपने पैतृक आवास को बच्चों के लिए ई-लाइब्रेरी बनाए जाने की खातिर दान कर दिया है।
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