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Fact Check: बेल्जियम की एक परियोजना के नमूने को अमेरिका में बना अम्बेडकर पुस्तकालय बताकर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। तस्वीर में दिख रही वायरल तस्वीर अमेरिका की नहीं, बल्कि बेल्जियम की एक परियोजना का नमूना है, जिस पर एडिटिंग टूल्स की मदद से “जय भीम” लिखा बोर्ड चिपकाया गया है।

नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बड़ी-सी बिल्डिंग के ऊपर जय भीम का पोस्टर लगा देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस पिक्चर को इस दावे के साथ शेयर कर रहे हैं कि यह अमेरिका में अम्बेडकर के नाम से बने पुस्तकालय की तस्वीर है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। तस्वीर में दिख रही वायरल तस्वीर अमेरिका की नहीं, बल्कि बेल्जियम की एक परियोजना का नमूना है, जिस पर एडिटिंग टूल्स की मदद से “जय भीम” लिखा बोर्ड चिपकाया गया है।

क्या हो रहा है वायरल

‘Buddhist Network’‎ नाम के फेसबुक पेज ने इस पोस्ट को शेयर किया था। पोस्ट में इस्तेमाल तस्वीर के ऊपर लिखा है “बाबा साहब की लाइब्रेरी का बहरी दृश्य, अमेरिका।”

फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें हूबहू यही तस्वीर इमेज-शेयरिंग साइट Pinterest पर मिली। मगर इस तस्वीर में जय भीम का पोस्टर नहीं लगा था। तस्वीर के साथ लिखा था, (अनुवादित) “विंसेंट कैलीबाउट ने ब्रुसेल्स के औद्योगिक क्षेत्र को मिक्स्ड यूज़ वाले इको-नेबरहुड में बदलने की प्रस्तावित योजनाएं सामने रखी है।”

इस खबर की पड़ताल के लिए हमने इंटरनेट पर ‘Vincent Callebaut‘ कीवर्ड के साथ सर्च किया। हमें यह तस्वीर bdcnetwork.com पर मिली। यहां भी इसे विंसेंट कैलीबाउट आर्किटेक्चर से जुड़ा बताया गया था।

हमने vincent.callebaut.org वेबसाइट पर ढूंढा तो हमें इस प्रोजेक्ट की बहुत-सी तस्वीरें मिलीं।

ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने विंसेट कैलीबाउट आर्किटेक्चर से मेल के ज़रिये संपर्क किया। जवाब में हमें बताया गया, “यह तस्वीर बेल्जियम के टूर एंड टैक्सी इलाके को दोबारा बनाये जाने का प्रस्तावित मॉडल थी। यह बिल्डिंग अभी बनी नहीं है। यह ब्रुसेल्स के औद्योगिक क्षेत्र को मिश्रित उपयोग वाले इको-पड़ोस में बदलने की एक प्रस्तावित योजना थी। “

पड़ताल के अंतिम चरण में हमने उस पेज की जांच की, जिसने इस पोस्ट को शेयर किया। हमें पता चला कि फेसबुक पेज Buddhist Network को 23.1K लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। तस्वीर में दिख रही वायरल तस्वीर अमेरिका की नहीं, बल्कि बेल्जियम की एक परियोजना का नमूना है, जिस पर एडिटिंग टूल्स की मदद से “जय भीम” लिखा बोर्ड चिपकाया गया है।

  • Claim Review : बाबा साहब की लाइब्रेरी का बहरी दृश्य, अमेरिका
  • Claimed By : Buddhist Network
  • Fact Check : झूठ
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