विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह एक स्क्रिप्टेड वीडियो है, जिसे लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया था।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में 2 मिनट 52 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक सड़क पर एक लड़की को अपनी गाड़ी बंद होने के कारण परेशान होते देखा जा सकता है। वीडियो में एक लड़का उससे बदतमीजी करते हुए नजर आता है। वीडियो में आगे एक आर्मी की वर्दी पहने व्यक्ति अपनी बाइक पर आता है और महिला की मदद करता है। लोग इसे असली घटना समझकर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह एक स्क्रिप्टेड वीडियो है, जिसे लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया था।
फेसबुक पेज Impressने वायरल वीडियो को शेयर किया। साथ में लिखा रेस्पेक्ट आर्मी। कमैंट्स में लोग इस वीडियो को असली समझ काफी सराहना करते दिख रहे हैं।
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहाँ देख सकते हैं।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ठीक से देखा। इस वीडियो में सबसे नीचे लिखा है, “Copyright by 3RD EYE”
हमने इसके बाद वायरल वीडियो के स्क्रीन ग्रैब्स को 3RD EYE कीवर्ड के साथ गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें इस वीडियो का लम्बा वर्जन 3RD EYE नाम के यूट्यूब चैनल पर 16 फरवरी, 2022 को अपलोडेड मिला। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “SALUTE TO THIS ARMY PERSON🙏🙏💖 | Alone Girl Saved by Army Man | Social Awareness Video By 3rd Eye” जिसका हिंदी अनुवाद होता है, “इस फौजी को सलाम🙏🙏💖 | आर्मी मैन ने अकेली लड़की को बचाया | 3rd Eye द्वारा सामाजिक जागरूकता वीडियो” इस वीडियो के अंत में एक डिस्क्लेमर भी आता है। इसमें लिखा है कि यह एक स्क्रिप्टेड वीडियो है और इसे “शिक्षा और मनोरंजन उद्देश्यों” के लिए बनाया गया है।
हमने 3rd Eye के यूट्यूब पेज के अबाउट अस सेक्शन को चेक किया तो हमें एक ईमेल आईडी मिला। हमने इस ईमेल आईडी से संपर्क साधा। जवाब में हमें बताया गया, “यह वीडियो शिक्षा और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया था और इस वीडियो के अंत में साफ़ डिस्क्लेमर दिया गया है। मेरी अपील है कि इस पेज के किसी भी वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर न किया जाये।
अंत में हमने फर्जी पोस्टे करने वाले पेज Impress की जांच की। फेसबुक यूजर के 711 फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह एक स्क्रिप्टेड वीडियो है, जिसे लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया था।
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