Fact Check: ये कोई चमत्कारी नदी नहीं है, वायरल दावा है फर्जी

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये कोई चमत्कारी नदी नहीं है। वायरल वीडियो तब का है, जब 2017 में महा पुष्करम त्यौहार के चलते भक्तों की श्रद्धा और सहूलियत के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ा गया था।

नई दिल्ली (विश्वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक सूखी हुई नदीनुमा जगह में पानी भरते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह दक्षिण भारत में एक ऐसी नदी है, जो हर साल पितृ पक्ष में चमत्कारी तरीके से प्रकट होती है और दिवाली आने पर फिर से सूख जाती है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये कोई चमत्कारी नदी नहीं है। वायरल वीडियो तब का है, जब 2017 में महा पुष्करम त्यौहार के चलते भक्तों की श्रद्धा और सहूलियत के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ा गया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

विश्वास न्यूज़ को अपने टिपलाइन चैटबॉट नंबर +91 95992 99372 पर चेक करने के लिए यह वीडियो मिला, जिसके साथ लिखा था “दक्षिण भारत की यह नदी पितृ पक्ष की अमावस्या को प्रकट होती है और दीपावली के दिन अमावस्या को विलीन हो जाती है . …सिर्फ एक महीना ही ये नदी दृश्य होती है फिर प्रकृति में विलीन हो जाती है — है ना प्रकृति का अदभुत चमत्कार !”

यह वीडियो फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ काफी वायरल है। इन पोस्ट्स के आर्काइव लिंक यहाँ और यहाँ देखे जा सकते हैं।

पड़ताल

हमने इस वीडियो के स्क्रीनग्रैब्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें यह वीडियो B PRABHU नाम के यूट्यूब चैनल पर 2017 में अपलोडेड मिला। साथ में डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “Kaveri waters reached Mayavaram district in Tamil Nadu” हिंदी अनुवाद “कावेरी नदी का जल तमिलनाडु के मयावरम डिस्ट्रिक्ट पहुंचा।”

हमें यही वीडियो Hindu Pad नाम के यूट्यूब चैनल पर भी 2017 में अपलोडेड मिला। वीडियो के साथ टाइटल लिखा था “Watch How River Cauvery arrives in Mayavaram village in Tamil Nadu | Divine Blessings of Kaveri Mata” अनुवाद “देखें कि तमिलनाडु के मायावरम गांव में कावेरी नदी कैसे पहुंची। कावेरी माता की दिव्य कृपा।”

https://www.youtube.com/watch?v=5B2iyh48Ca8

इस वीडियो के साथ कई जगह डिस्क्रिप्शन में कावेरी महा पुष्करम का ज़िक्र था। कावेरी महा पुष्करम कावेरी नदी का त्योहार है, जो आम तौर पर 12 साल में एक बार होता है। 2017 में हुए इस कार्यक्रम पर ज़्यादा जानकारी इस आर्टिकल में पढ़ी जा सकती है।

ढूंढ़ने पर हमें पता चला कि मयावरम को मयिलादुथुराई के नाम से भी जाना जाता है।

महा पुष्करम, कावेरी नदी, मयावरम, और मयिलादुथुराई जैसे कीवर्ड्स के साथ सर्च करने पर हमें deccanchronicle की 10 सितम्बर 2017 की खबर मिली, जिसके अनुसार “अनुवाद: कावेरी नदी को फिर से भरने के लिए कल्लनई बांध से पानी छोड़ने की उम्मीद करते हुए और अपने होंठों पर भगवान वरुण से बारिश की प्रार्थना के साथ, कावेरी पुष्करम 2017 के आयोजकों ने मयिलादुथुराई में थुला कट्टम में एक अस्थायी स्नान घाट बनाया है, ताकि तीर्थयात्रियों को कम से कम सक्षम बनाया जा सके।”

हिन्दू की 19 सितम्बर 2017 की खबर के अनुसार, महा पुष्करम के लिए मेट्टूर बांध से पानी छोड़ा भी गया था।

हमने इस विषय में पुष्टि के लिए मयिलादुथुराई स्थित मयूरनाथर मंदिर में कॉल किया, जहाँ से हमें बताया गया कि महा पुष्करम 12 साल में आने वाला एक कुम्भ है, जब कावेरी नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है और 2017 में हुए महा पुष्करम के लिए मेट्टूर बांध से पानी छोड़ा भी गया था, जो मयावरम पहुंचा था, जिसमें भक्तों ने स्नान भी किया था। मंदिर के प्रबंधर किशोर उनली के साथ हमने यह वीडियो भी साझा किया, जिसपर उन्होंने बताया कि वह ये बात तो नहीं बता सकते कि यह वीडियो मयिलादुथुराई का ही है या नहीं मगर यह बात ज़रूर है कि उनकी जानकारी में दक्षिण भारत ऐसी कोई चमत्कारी नदी नहीं है, जो हर वर्ष एक महीने के लिए प्रकट होती हो और फिर गायब हो जाती हो।

हमने इस विषय में तमिल नाडु के अख़बार दिनामलार के वरिष्ठ पत्रकार एमएस ढंढापनी से संपर्क साधा। उन्होंने बताया “यह कोई चमत्कार नहीं है। यदि मुत्तुर बांध से पानी छोड़ा जाता है तो वो तमिलनाडु में आता है। यहां ऐसी कोई चमत्कारी नदी नहीं है, जो साल में 1 महीने के लिए चमत्कारी रूप से प्रकट होती हो।”

इस विषय में द हिन्दू की तमिलनाडु की पत्रकार राम्या कनन ने भी कहा, “इसमें कोई चमत्कार नहीं है। ओवरफ्लो होने पर या किसी भी और कारण से जब कर्नाटक से कावेरी के पानी को छोड़ा जाता है तो वो तमिलनाडु पहुँचता है। ये लगभग हर साल होता है।”

हमने इस विषय में जियोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से भी संपर्क साधा। हमारे मेल का रिप्लाई करते हुए जियोलाजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के एक्सपर्ट्स ने बताया, “वायरल पोस्ट में दी गयी जानकारी गलत है। ऐसी कोई प्राकृतिक घटना नहीं होती है, जहाँ अपने आप कोई नदी पैदा हो जाये। ऐसा तब होता है, जब किसी डैम से पानी छोड़ा जाता है। वायरल वीडियो में दिख रही घटना भी ऐसी ही किसी डैम से पानी छोड़े जाने की है।

इस वीडियो को shivam tiwari नाम के एक फेसबुक पेज द्वारा शेयर किया गया था। इस पेज के कुल 1.5K फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये कोई चमत्कारी नदी नहीं है। वायरल वीडियो तब का है, जब 2017 में महा पुष्करम त्यौहार के चलते भक्तों की श्रद्धा और सहूलियत के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ा गया था।

False
Symbols that define nature of fake news
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