Fact Check: यह लड़की डॉग नहीं बनी है, बल्कि यह एक आर्ट इंस्टॉलेशन है, वायरल दावा फर्जी है

हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। असल में यह कोई लड़की नहीं है, बल्कि यह आर्टिस्ट पैट्रीसिया पिकिनीनि का आर्ट इंस्टॉलेशन है।

Fact Check: यह लड़की डॉग नहीं बनी है, बल्कि यह एक आर्ट इंस्टॉलेशन है, वायरल दावा फर्जी है

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि लड़की अपने माता- पिता की आए दिन बेइज्जती करती थी, जिसके कारण वह डॉग बन गई। वायरल पोस्ट के साथ यूट्यूब का लिंक मौजूद है जिसमें करीब आठ मिनट लंबे ​वीडियो में इस कथित लड़की की कहानी बताई गई है।

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल की और इस दावे को गलत पाया। असल में वायरल वीडियो में नजर आ रहा जीव ऑस्ट्रेलिया के आर्टिस्ट की बनाई आर्ट इंस्टॉलेशन है। यह कोई असली लड़की का किस्सा नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Myat Min Kabar ने यह वीडियो शेयर किया है, जिसके साथ बर्मीज भाषा में लिखे गए कंटेंट का हिंदी अनुवाद है लबुट्टा की Ma Khin Hla की सच्ची कहानी।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो को पूरा देखा। इस वीडियो में इंसान जैसे दिखने वाले एक जीव का फोटो कोलाज नजर आता है। करीब 8 मिनट लंबे इस ​वीडियो में लबुट्टा शहर का एंट्रेंस बोर्ड दिखाई देता है। वीडियो में वॉइसओवर में कहानी सुनाई जाती है: इसका नाम Ma Khin Hla था और इसकी उम्र 16—17 साल थी। यह एक युवा बौद्ध लड़की थी, लेकिन स्वभाव से काफी अशिष्ट थी। अपने माता-पिता की इकलौती औलाद होने के बावजूद यह उनकी इज्जत नहीं करती थी। हमेशा अपने माता-पिता पर चिल्लाती रहती थी। इ​सलिए इसके साथ यह दिल दहला देने वाली घटना हुई। एक दिन उसके माता-पिता व्रत के बाद मॉनेस्ट्री से वापस लौटे तो उसने खाना न बनाने के कारण उनके साथ झगड़ा शुरू कर दिया। वह अपनी मां के साथ अपशब्दों का इस्तेमाल कर रही थी कि अचानक बेहोश हो गई और जब उठी तो वह डॉग बन चुकी थी। इंसान होने के बावजूद वह अपने डॉग की तरह हाथों पैरों पर चलने लगी थी।

विश्वास न्यूज ने इस वीडियो की पड़ताल करने के लिए इनविड टूल की मदद से वीडियो के स्क्रीनग्रैब्स निकाले और एक स्क्रीनग्रैब को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें CBC की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि यह असल में ऑस्ट्रेलियाई आर्टिस्ट पैट्रीसिया पिकिनीनि का बनाया आर्ट इलस्ट्रेशन है। कनाडियन ब्रॉडकास्टर CBC News ने यह रिपोर्ट 25 सितंबर 2018 को पब्लिश की थी।

ज्यादा जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने पिकिनीनि के स्टूडियो मैनेजर रॉजर मॉल से संपर्क किया। उन्होंने ईमेल के जरिए हमें बताया कि वायरल वीडियो में नजर आ रही कलाकृति असल में पैट्रीसिया का आर्टवर्क है, जिसका टाइटल है: द यंग फैमिली। वायरल पोस्ट के साथ किया गया दावा पूरी तरह फर्जी है।

अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Myat Min Kabar की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि खबर लिखे जाने तक इस यूजर को 18,847लोग फॉलो करते हैं। यूजर बागो, म्यांमार का रहने वाला है।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। असल में यह कोई लड़की नहीं है, बल्कि यह आर्टिस्ट पैट्रीसिया पिकिनीनि का आर्ट इंस्टॉलेशन है।

False
Symbols that define nature of fake news
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